मुंबईकरों की प्यास मिटाने वाले तालाबों में पानी की कमी हो गई है और सात तालाबों में केवल 10 दिनों तक के ही पानी का स्टॉक बचा है। यही वजह है गर्मी के मौसम में होने वाले वाष्पीकरण के चलते मुंबईकरों की चिंता बढ़ सकती है।
पानी की आपूर्ति
पिछले साल सितंबर के बाद ही बारिश शुरू हुई थी। जिसका परिणाम मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले तालाबों पर पड़ा है। मुंबईकरों की प्यास मिटाने के लिए आवश्यक पानी की आपूर्ति वैतरणा, मोडकसागर, तानसा, विहार, तुलशी, भातसा और मध्य वैतरणा तालाबों में नहीं हुई है। इस वजह से मुंबई में 10 प्रतिशत पानी की आपूर्ति की गई थी। कई इलाकों में कम दबाव के साथ पानी की आपूर्ति की जा रही है। जिस वजह से आने वाले समय मे मुंबईकरों को पानी की कटौती की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
पानी का दुरुपयोग
मिली जानकारी के मुताबिक मुंबईकरों को पानी पहुंचाने की प्रक्रिया में पानी का भारी मात्रा में दुरुपयोग हो रहा है। मुंबईकरों की प्यास मिटाने के लिए प्रतिदिन 3 हज़ार 650 मिलियन लीटर पानी पाइपलाइनों के माध्यम से पहुंचाया जाता है। जिनमें से लगभग 135 मिलियन लीटर पानी का दुरुपयोग होता है। इस पर जलविभाग के एक अधिकारी का कहना है कि आने वाले गर्मी के मौसम में पानी का इस्तेमाल सावधानी से करना होगा।