मुंबई (Mumbai) में पिछले कुछ दिनों से कोरोना वायरस (Coronavirus) का प्रकोप धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रहा है। साथ ही मुंबई में कोरोना (Covid19) पीड़ितों की वृद्धि दर भी कुछ हद तक स्थिर हुई है। इस काम को देखते हुए हुए नीति आयोग (niti ayog) के सीईओ अमिताभ कांत ने भी न केवल BMC की सराहना करते हुए उसकी कड़ी मेहनत का फल बताया बल्कि उसके प्रबंधन की भी प्ररशंसा की।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने BMC और उनके कमिश्नर की प्रशंसा करते हुए कहा, “केंद्रीय पद्धति के अनुसार बेड आवंटित करना, ऑक्सीजन (oxygen) सुुविधाओं का आकलन करना, निजी अस्पताल के बेड आवंटित करना और उनकी निगरानी के लिए एक डैशबोर्ड बनाना, मरीजों के स्वास्थ्य की निगरानी के लिए वॉर रूम को सक्रिय करना। मुंबई का कोरोना प्रबंधन मॉडल प्रेरणादायक है। मुंबई महानगर पालिक (BMC) के कमिश्नर इकबाल सिंह चहल (iqbal singh chahal) और उनकी महान टीम को बधाई।”
Centralized bed allotment, anticipating oxygen storage facilities, common allotment of beds even in pvt hospitals, dashboards for monitoring , war rooms for patient follow up. Inspirational Mumbai model of Covid Mngmnt . Congrats @mybmc Commissioner Chahal & his Gr8 team. pic.twitter.com/WHE8P62137
— Amitabh Kant (@amitabhk87) May 9, 2021
यही नहीं इससे पहले, दिल्ली में ऑक्सीजन की कमी के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई में कोरोना प्रबंधन मॉडल (Corona management model in Mumbai) का उदाहरण भी दिया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ और जस्टिस एम.आर शाह की दो सदस्यीय पीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान, शीर्ष अदालत ने पूछा था कि क्या मुंबई महानगर पालिका द्वारा कोरोना प्रबंधन पर तैयार किए गए मॉडल को राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर लागू किया जा सकता है? मुख्य रूप से दिल्ली में प्रशासन ने इस मॉडल का अध्ययन करने का सुझाव दिया था।
मुंबई उच्च न्यायालय ने पुणे, ठाणे, नागपुर और अन्य जिलों में कोरोना संकट से निपटने के लिए BMC कमिश्नर के साथ चर्चा करने का भी निर्देश दिया था।
BMC प्रशासन ने शहर और उपनगरों में कोरोना पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए तुरंत बिस्तरों की संख्या बढ़ाने की नीति अपनाई है। शहर में और जंबो कोविड सेंटर स्थापित किए जा रहे हैं। ऑक्सीजन वितरण का प्रबंधन किया जाता है। रेमडेसिविर (remdesivir) सहित अन्य दवाओं का कोटा अस्पतालों को दिया जा रहा है। साथ ही, आम जनता की मदद के लिए 24 घंटे वॉर रूम बनाया गया है। यह उन लोगों के लिए एक बड़ी राहत है जो कोरोना के कारण मुसीबत में आ जाातेे हैं।