राज्य भर के सरकारी अस्पतालों में नर्सों की लंबित मांगों पर सरकार द्वारा अभी तक संज्ञान न लिए जाने के कारण, नर्सों ने सोमवार को पाँचवें दिन भी अपनी हड़ताल जारी रखी।
नर्सों ने मुंबई के आज़ाद मैदान में विरोध प्रदर्शन कर अपना रुख फिर से स्पष्ट कर दिया। उन्होंने राज्य में विभिन्न स्थानों पर रक्तदान करके सरकार द्वारा 'मरीजों की देखभाल' करने और हमारी समस्याओं पर ध्यान न देने की भूमिका के खिलाफ विरोध जताया।
संगठन ने बताया कि राज्य की नर्सों ने 146 यूनिट रक्त एकत्र किया है। महाराष्ट्र राज्य नर्स संघ द्वारा शुरू किए गए इस अनिश्चितकालीन हड़ताल आंदोलन को राज्य सरकार समूह-घ (चतुर्थ) कर्मचारी केंद्रीय महासंघ ने अपना समर्थन देने की घोषणा की है।
इस हड़ताल से राज्य भर के कई सरकारी अस्पतालों और चिकित्सा केंद्रों में स्वास्थ्य सेवाएँ बाधित होने का खतरा पैदा हो गया है। इसके कारण, आम मरीजों को तत्काल चिकित्सा सुविधा न मिलने के कारण बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। संगठन ने बताया कि सरकार के लिए इन मांगों पर संवेदनशील ध्यान देना ज़रूरी है।
सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव और चिकित्सा शिक्षा एवं औषधि विभाग के सचिव को मांगों का एक ज्ञापन भी सौंपा गया है।
फेडरेशन ने चेतावनी दी है कि सरकार नर्सों की समस्याओं और दर्द को समझे और बातचीत, समझ और समाधान के ज़रिए तुरंत फ़ैसला ले, वरना असंतोष की लहर पूरी स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए चुनौती बन सकती है।
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