
'मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना' को 26 जनवरी, 2026 तक क्रियान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। मत्स्य पालन एवं बंदरगाह मंत्री नितेश राणे ने निर्देश दिए कि विभाग समन्वय से कार्य करते हुए इस योजना हेतु शीघ्र योजना तैयार करें। इस योजना की तैयारियों की समीक्षा हेतु मंत्रालय में एक बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मत्स्य पालन विभाग के सचिव एन. रामास्वामी, मत्स्य पालन आयुक्त किशोर तावड़े, मत्स्य विकास निगम के प्रबंध निदेशक अविनाश पाठक सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।(Orders to prepare a complete plan for the implementation of 'Chief Minister Matsya Sampada Yojana' by January 26)
मछुआरा समुदाय के आर्थिक उत्थान और मत्स्य पालन के आधुनिकीकरण में मील का पत्थर
मंत्री नितेश राणे ने कहा कि यह योजना राज्य में मछुआरा समुदाय के आर्थिक उत्थान और मत्स्य पालन के आधुनिकीकरण में मील का पत्थर साबित होगी। इस योजना का उद्देश्य राज्य में मत्स्य पालन क्षेत्र को संरचनात्मक मजबूती प्रदान करना, मछुआरों की आय में वृद्धि करना और समुद्री अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।
26 जनवरी तक योजना तैयार करने का आदेश
इस योजना के क्रियान्वयन का लक्ष्य 26 जनवरी 2026 (गणतंत्र दिवस) निर्धारित किया गया है। इसके लिए राज्य और जिला स्तर पर एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जानी चाहिए। मंत्री राणे ने इस योजना की रूपरेखा को मंजूरी देने और वित्त पोषण, कार्यान्वयन तंत्र और लाभार्थी चयन प्रक्रिया को अंतिम रूप देने के लिए वित्त एवं योजना विभाग के साथ एक संयुक्त बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
वन क्षेत्रों में स्थित झीलों में मछली पकड़ने की कानूनी अनुमति देने के मुद्दे पर भी चर्चा
यह योजना मछली बंदरगाहों, शीत श्रृंखला सुविधाओं, बर्फघरों, मछली प्रसंस्करण केंद्रों के साथ-साथ नए मछली उत्पादन और विपणन पहलों को वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। बैठक में वन क्षेत्रों में स्थित झीलों में मछली पकड़ने की कानूनी अनुमति देने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। चूँकि वर्तमान में कुछ स्थानों पर मछली पकड़ना अवैध है, इसलिए उन्होंने इसे वैध बनाने और रोजगार सृजन एवं आय वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए वन विभाग को एक प्रस्ताव भेजने के भी निर्देश दिए।
मंत्री राणे ने विश्वास व्यक्त किया कि यह प्रक्रिया वन्य आवास को किसी भी तरह का खतरा पहुँचाए बिना लागू की जाएगी। बैठक में ससून डॉक क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की स्थापना पर भी चर्चा हुई।
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