रेलवे सुरक्षा बल (RPF) बोरीवली ने 9 जुलाई से 20 जुलाई, 2025 तक मुंबई उपनगरीय रेलवे लाइन पर 12 दिनों का विशेष अभियान चलाया। इस अभियान के दौरान कुल 1,637 उल्लंघनकर्ता पकड़े गए। इसका उद्देश्य रेल डिब्बों के दुरुपयोग को नियंत्रित करना और नियमों का पालन सुनिश्चित करना था।
चर्चगेट-विरार के बीच अभियान
यह अभियान मुख्य रूप से व्यस्त चर्चगेट-विरार मार्ग पर केंद्रित था। इस अभियान का नेतृत्व सहायक उप-निरीक्षक धर्मवीर सिंह और उप-निरीक्षक संतोष सोनी ने किया।नियमित प्रवर्तन अभियान के दौरान कुल 1,393 लोग पकड़े गए। इनमें अनधिकृत फेरीवाले, किन्नर और महिलाओं व विकलांग लोगों के लिए आरक्षित डिब्बों में यात्रा करने वाले लोग शामिल थे। सयाजी नगरी एक्सप्रेस में एक विशेष छापेमारी में 244 और लोग पकड़े गए। इनमें से अधिकांश फेरीवाले और किन्नर थे।
इस अभियान के दौरान, गैर-वातानुकूलित लोकल ट्रेनों के अंदर 34 किन्नर पाए गए। वे नियमों का उल्लंघन करते हुए यात्रा कर रहे थे। गैर-वातानुकूलित डिब्बों में कुल 288 फेरीवाले भी पकड़े गए। वातानुकूलित लोकल ट्रेनों में, आरपीएफ ने 66 किन्नरों और 10 फेरीवालों को बिना अनुमति के यात्रा करते हुए पाया।
दिव्यांगों के लिए बने डिब्बों का दुरुपयोग करते हुए कुल 889 लोगों को पकड़ा गया। 80 अन्य लोग बिना अनुमति के महिला डिब्बों में पाए गए। चौदह लोग रेलवे संपत्ति पर अतिक्रमण करते पकड़े गए।अभियान के दौरान आरपीएफ ने बाल संरक्षण कार्य भी जारी रखा। 'नन्हे फरिश्ते' पहल के तहत, रेलवे स्टेशनों पर असुरक्षित परिस्थितियों में पाए गए बच्चों को बचाया गया।
1,637 उल्लंघनकर्ताओं में से प्रत्येक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने सभी यात्रियों से नियमों का पालन करने और आरक्षित डिब्बों का सम्मान करने का आग्रह किया। आरपीएफ ने यह भी कहा कि वह भविष्य में भी इसी तरह के अभियान चलाती रहेगी।
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