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ESIC अस्पताल की असंवेदनशीलता, हादसे का शिकार बच्ची के परिजनों को दिया घायलों वाला मुआवजा

इस हादसे में जिनकी मौत हुई थी उन्हें 10 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 2 लाख तो मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की गयी थी।

ESIC अस्पताल की असंवेदनशीलता, हादसे का शिकार बच्ची के परिजनों को दिया घायलों वाला मुआवजा
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मुंबई के अंधेरी में स्थित कामगार अस्पताल में अभी कुछ दिन पहले भयानक आग लगने से एक नवजात शिशु सहित 11 लोगों की मौत हो गयी थी जबकि 150 से अधिक घायल हो गये थे लेकिन अब इस मामले में कामगार अस्पताल की तरफ से असंवेदनशील होने का मामला सामने आया है इस हादसे में जिस नवजात शिशु की मौत हुई थी अस्पताल की तरफ से परिजनों को केवल घायल होने का मुआवजा मिला है न कि मौत होने का आपको बता दें कि इस हादसे में जिनकी मौत हुई थी उन्हें 10 लाख रुपए और गंभीर घायलों को 2 लाख तो मामूली रूप से घायलों को 1 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की गयी थी

अस्पताल का अमानवीय बयान 
इस अस्पताल में जब आग लगी थी तब बच्ची भी शिकार हो गयी थी, लेकिन एक हफ्ते बाद ही इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गयी हादसे के बाद बच्ची के परिजनों को मुआवजे के रूप में 2 लाख रुपए का चेक मिला परिजनों के मुताबिक जब उन्होंने इसकी खबर संबंधित डॉक्टरों को दी तो अधिकारियों ने असंवेदनशीलता का परिचय देते हुए कहा कि बच्ची पैदाइशी कमजोर थी और वैसे भी मरने वाली थी। संभव है कि बच्ची की मौत प्राकृतिक रूप से हो जाती।

पैदा हुए थे जुड़वा बच्चे 
बच्ची हादसे के तीन दिन पहले ही कामगार अस्पताल में पैदा हुई थी, जुड़वा बच्चे (एक लड़का-एक लड़की) पैदा होने के कारण दोनों बच्चों को आईसीयू में रखा गया था इस हादसे में जो दूसरा बच्चा घायल हुआ था उसका इलाज अभी होली स्प्रिट हॉस्पिटल के एनआईसीयू में चल रहा है।

अस्पताल ने दिया था भरोसा
विरार निवासी बच्ची के माता-पिता अनिल और ललिता ने बताया कि जन्म के समय ही बच्ची का वजन काफी कम था, डॉक्टरों ने हमें उस समय कहा था कि कई मामलों में 500 से 600 ग्राम बच्चों की जान बचाई जा चुकी है इसलिए बच्ची को एनआईसीयू में एडमिट किया जाए।

एसी मैकेनिक का काम करने वाले अनिल ने कहा कि हमने डर के मारे वह चेक अपने पास रख लिया ताकि कहीं अधिकारी वह चेक भी वापस न ले लें। बच्ची की मां ललिता के मुताबिक पैसे से अब मेरा बच्चा मुझे वापस नहीं मिलेगा लेकिन वे ये नहीं मान रहे हैं कि मेरी बच्ची हादसे में मरी है, मेरी बच्ची का नामा घायलों की लिस्ट में रखा गया था

इस मामले ESIC अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. बीबी गुप्ता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम लोग पहले रेकॉर्ड चेक करेगें, उसके बाद इस मामले में कुछ टिप्पणी करेंगे।

पढ़ें: अंधेरी कामगार अस्पताल आग मामला - सांसद गजानन कीर्तिकर ने की मृतक के रिश्तेदारों को ज्यादा मुआवजे देने की मांग

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