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मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 20,000 मैंग्रोव पेड़ों को काटने की अनुमति

बॉम्बे हाई कोर्ट ने दी अनुमति

मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए 20,000 मैंग्रोव पेड़ों को काटने की अनुमति
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मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना (Mumbai-Ahmedabad bullet train)   को पूरा करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट(Bombay High Court)  ने 20,000 मैंग्रोव पेड़ों (mangrove trees) को काटने की अनुमति दे  दी है। महाराष्ट्र सरकार ने आज 21 नवंबर  बॉम्बे हाई कोर्ट को सूचित किया कि मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की पूरी लाइन पर भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।  

नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन ने इस संबंध में बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। यह अनुमति जनहित में दिए जाने की बात कहते हुए हाईकोर्ट ने इन मैंग्रोव को काटने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए कंपनी को 2.5 लाख पौधे लगाने की शर्त रखी है।

प्रधान न्यायाधीश दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति अभय आहूजा की पीठ ने शुक्रवार को अपना सुरक्षित फैसला सुनाया। एनएचआरसीएल कंपनी की मैंग्रोव पेड़ों की कटाई की अनुमति देने की मांग को स्वीकार करते हुए, उच्च न्यायालय ने राष्ट्रीय उच्च गति रेल निगम को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा दी गई मंजूरी में निर्धारित नियमों और शर्तों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया।

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक मुंबई-अहमदाबाद 'बुलेट ट्रेन' परियोजना है। 508 किलोमीटर की बुलेट ट्रेन परियोजना का 155 किलोमीटर हिस्सा महाराष्ट्र से होकर गुजर रहा है। इस परियोजना के लिए महाराष्ट्र में 21 से 23 किमी के क्षेत्र में कमंडल के जंगल को काटना जरूरी था। इसके अनुसार, इस परियोजना के लिए मुंबई, ठाणे, पालघर में हजारों कांडल के जंगलों को काट दिया जाएगा और ठाणे में हरित पट्टी भी प्रभावित होगी।

यह भी पढ़ेश्रद्धा वॉलकर के पिता विकास वॉलकर ने कहा की अगर समय रहते पुलिस ने उनकी मदद की होती तो आज उनकी बेटी जिंदा होती

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