आरबीआई की पाबंदियों से जूझ रही पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (PMC) बैंक के खाताधारकों को बॉम्बे हाईकोर्ट ने बुधवार को एक बड़ी राहत दी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने सरोश दमानिया द्वारा दायर की गई जनहित याचिका को अनुमति दी, जिसमें हाउसिंग डेवेलमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (HDIL) की उन सभी संपत्तियों की नीलामी की मांग की गई थी, जो PMC बैंक के पास गिरवी हैं। या आर्थिक अपराध शाखा, मुंबई द्वारा ज़ब्त हैं।
लाइव लॉ वेबसाइट के मुताबिक न्यायमूर्ति रंजीत मोरे और न्यायमूर्ति एसपी तावड़े की खंडपीठ ने HDIL की परिसंपत्तियों के त्वरित निपटान के लिए न्यायमूर्ति एस राधाकृष्णन की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति के गठन को मंजूरी दी। समिति 30 अप्रैल को या उससे पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि प्रमोटरों राकेश वाधवान और उनके बेटे सारंग, जो इस समय जेल में हैं, उन्हें चार गार्डों के साथ हाउस अरेस्ट के तहत रखा जाए ताकि वे रिकवरी की प्रक्रिया में साथ दे सकें।
मामले की अगकी सुनवाई 30 अप्रैल को की जाएगी। पीठ ने पिछले साल दिसंबर में यह नोट करते हुए आदेश सुरक्षित रखा था कि पीएमसी बैंक को ऋण की अदायगी, बैंक के जमाकर्ताओं और ऋणदाताओं के हित में होगी।आपको बता दे कि पीएमसी में वित्तीय अनियमिताएं पाये जाने के बाद सहकारी बैंक पर 23 सितंबर से आरबीआई की पाबंदी है। बैंक ने कर्ज और एचडीआईएल को दिये गये 6,500 करोड़ रुपये के कर्ज के गैर-निष्पादित परिसंपत्ति बनने के बारे में पूरी जानकरारी नहीं दी। बैंक ने अपने कुल 8,880 करोड़ रुपये के कर्ज में से 6,500 करोड़ रुपये एचडीआईएल को दे रखे थे।