पुलिस को कोरोना की पृष्ठभूमि पर अस्पताल में भर्ती एक व्यक्ति की मौत की जांच नहीं करने का विकल्प दिया गया है।वर्तमान मामले में, डॉक्टरों, चिकित्सा उपकरणों, नर्सों और पुलिस कर्मियों को ऐसी मृत्यु के बाद इंकॉस्ट में कोरोनरी संक्रमण होने की अधिक संभावना है। इसलिए, सरकार ने यह निर्णय लिया है।
ये आदेश तब तक लागू रहेंगे, जब तक राज्य में आपदा प्रबंधन अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्रतिबंध हैं, जिसमें रोग नियंत्रण अधिनियम 1898 का भाग 2 भी शामिल है। गृह विभाग ने अभी इस संबंध में एक परिपत्र निकाला है। यह परिपत्र सरकार की वेबसाइट www.maharashtra.gov.in पर उपलब्ध है।
इसके साथ ही राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने एक बार फिर कहा है कि राज्य में लॉक डाउन को सख्ती से लागू करने के लिए कुछ इलाकों में सीआरपीएफ की भी नियुक्ति की जा सकती है। राजेश टोपे ने कहा कि मंत्रिमंडल की बैठक में यह विचार हुआ कि सीआरपीएफ को भी राज्य में तैनात किया जाएगा जिससे लॉक डाउन को और सख्ती से निपटा जा सके। मुंबई में फिलहाल कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 850 के पार हो गई है।
धारावी में भी लगातार मरीज मिलने की संख्या जारी है जिसे देखते हुए बीएमसी प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने पूरे धारावी में लोगों का कोरोनावायरस जांच करने का फैसला किया है