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बीएमसी पर लगा एक और आरोप , RTI जानकारी देने के नाम पर जीएसटी की चोरी

RTI कार्यकर्ता शकील अहमद शेख का कहना है की आरटीआई के लिए कोई भी जीएसटी नहीं लगता है जबकी बीएमसी ने उनसे जीएसटी भी लिया है

बीएमसी पर लगा एक और आरोप , RTI जानकारी देने के नाम पर जीएसटी की चोरी
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आरटीआई कार्यकर्ता ने बीएमसी के उपर एक और गंभीर आरोप लगाया है। RTI कार्यकर्ता शकील अहमद शेख ने उप नगर अभियंता (इ. बां.) प. उ. मुंबई महानगरपालिका के पास से 15 नवंबर 2018 को पु.ऊ. RTI के तहत एक जानकारी मांगी थी, जिसपर सहायक अभियंता ने 5 दिसंबर 2018 को शकील अहमद शेख को चिठ्ठी द्वारा जवाब दिया की आपने जो जानकारी मांगी है।वह इस कार्यलय मे उपलब्ध है और आपको 2 रु प्रति पन्ने के हिसाब से 377 पनो के लिये 754 रुपये और वस्तू व सेवाकर रु 135रुपये यानी की कुल मिलाकर 889 रु भरने होंगे।

RTI कार्यकर्ता शकील अहमद शेख को 889 रुपयो का चालान दिया गया । हालांकी इस चालान में वस्तू व सेवाकर ( जीएसटी) के 135 रुपयो को अलग न लिख 754 रु के साथ ही लिख दिया गया। इस मामले में जब शेख ने सूचना अधिकारी से सवाल किया तो उन्हे कोई भी समाधानकारक उत्तर नही दिया गया। हालांकी चालान का भुगतान 24 जनवरी को शेख ने बीएमसी को कर दिया।


                   ( RTI के आवेदन के बाद बीएमसी की ओर से मिली कॉपी)


RTI कार्यकर्ता शकील अहमद शेख का कहना है की " RTI के अंतर्गत मांगे गये जवाब पर या RTI पर कोई सेवा शुल्क या वस्तू शुल्क नही लगता। उनसे गलत तरिके से सेवा शुल्क लिया गया है,और ऊसे सरकार को भरा भी नही गया है। ऐसे कितने मामलों में सरकार को टैक्स नहीं भरा गया है"।

इस मामले में शकील अहमद शेख ने वस्तू व सेवाकर आयुक्त राजीव जलोटा, और मुंबई महानगरपालिका के आयुक्त अजोय मेहता को पत्र लीख कर इन अधिकारियो पर जांचं करने की मांग की है,साथ ही अपने 135 रु भी लौटाने की गुहार लगाई है।

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