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एक मई से लागू होगी रेत नीति - राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल

राज्य सरकार द्वारा घोषित रेत नीति के तहत रेत का खनन, भंडारण और बिक्री ऑनलाइन प्रणाली से की जायेगी।

एक मई से लागू होगी रेत नीति - राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल
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राज्य सरकार द्वारा नागरिकों को सस्ती रेत उपलब्ध कराने तथा अनाधिकृत रेत खनन पर रोक लगाने के लिए नई व्यापक संशोधित बालू एवं बालू नीति की घोषणा की गई।  राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे-पाटील ने बताया कि इस नीति का क्रियान्वयन महाराष्ट्र दिवस पर शुरू किया जाएगा और आम लोगों को मोबाइल एप के माध्यम से बालू/रेत मिलेगी।(Sand policy will be implemented from May 1 says Revenue Minister Radhakrishna Vikhe Patil)

आला अधिकारियों के साथ बैठक

राजस्व मंत्री विखे-पाटील की अध्यक्षता मे सह्याद्री अतिथि गृह में उपायुक्त, संभागायुक्त, अपर समाहर्ता, राजस्व कार्यालय के समाहर्ता के साथ बैठक हुई.  इस बैठक में राजस्व विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ. नितिन करीर, जमाबंदी आयुक्त एवं भू-अभिलेख निदेशक एन.के.  सुधांशु सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

रेत खनन व्यवसाय में अनाचार के उन्मूलन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है। मंत्री  विखे-पाटील ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा घोषित रेत नीति के तहत रेत का खनन, भंडारण और बिक्री ऑनलाइन प्रणाली से की जायेगी। राज्य सरकार ने इस बात पर जोर दिया है कि रेत/बालू को आम आदमी के सामर्थ्य के हिसाब से उपलब्ध कराया जाए, रेत का अवैध परिवहन बंद किया जाए।  उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि आने वाले महाराष्ट्र दिवस से इस नीति को लागू करने में आ रही दिक्कतों को लेकर अध्ययन किया जाए।

रेत नीति में सुधार की विशेषताएं

इस नई नीति के अनुसार एक वर्ष के लिए परीक्षण के आधार पर सभी नागरिकों को रेत की बिक्री दर 600 रुपये प्रति पीतल (133 रुपये प्रति मीट्रिक टन) निर्धारित की गई है।  इस फैसले से आम आदमी को राहत मिलेगी और आवास की कीमतों को किफायती बनाने में भी मदद मिलेगी।  चूंकि रेत की नीलामी बंद रहेगी, इसलिए डिपो से ही 600 रुपये में रेत उपलब्ध होगी।

इस नीति के अनुसार मालिकाना हक की राशि माफ कर दी जाएगी।  इसके अलावा जिला खनिज फाउंडेशन कोष और परिवहन अनुज्ञप्ति सेवा शुल्क आदि खर्चे भी वसूले जाएंगे।  बालू खनन, खनन उपरांत बालू का डिपो तक परिवहन, डिपो के निर्माण एवं प्रबंधन हेतु निविदा प्रक्रिया संचालित की जायेगी।  इससे बालू या बालू की खुदाई की जाएगी।  इस रेत को सरकारी डिपो में ले जाकर वहीं से बेचा जाएगा।  

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