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अब ऐसे लोगों के लिए आधार जरूरी नहीं, दे सकेंगे दूसरे आईडी प्रूफ

मीडिया में जारी रिपोर्ट के मुताबिक जिन्हें बायोमीट्रिक आइडेंटिफिकेशन में परेशानी हो रही हो वे अपने वेरिफिकेशन के लिए दूसरे डॉक्यूमेंट्स भी दे सकते हैं।

अब ऐसे लोगों के लिए आधार जरूरी नहीं, दे सकेंगे दूसरे आईडी प्रूफ
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सरकार ने आधार कार्ड बनवाने में असक्षम दिव्यांगों को सहूलियत देते हुए यह आदेश दिया है कि अब ऐसे दिव्यांग अपने बैंक खाते के वेरिफिकेशन के लिए आधार कार्ड के अलावा कोई और आईडी भी दे सकते हैं। यानि ऐसे लोगों को आधार की अनिवार्यता से सरकार की तरफ से छूट मिल गयी है।

मीडिया में जारी रिपोर्ट के मुताबिक जिन्हें बायोमीट्रिक आइडेंटिफिकेशन में परेशानी हो रही हो वे अपने वेरिफिकेशन के लिए दूसरे डॉक्यूमेंट्स भी दे सकते हैं। 


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इन्हे रखा गया है आधार के दायरे से बाहर

केंद्र सरकार की तरफ से जारी किये गए जीआर के अनुसार ऐसे लोग जो बीमार रहते हैं चलने फिरने में असक्षम रहते हैं, घायल हों या फिर उम्रदराज हों इन्हे 'आधार' के दायरे से बाहर रखा गया है। मीडिया रिपोर्ट के हवाले से आगे कहा गया है कि यूआईडी के सूत्रों के मुताबिक़ आधार कार्ड नहीं होने के कारण कई बीमारों और बुजुर्गों को कई सरकारी सुविधा लेने में परेशानी हो रही थी इसीलिए अब सुनिश्चित किया गया है कि ऐसे लोगों को 'आधार' की अनिवार्यता से छूट मिले जिससे इनकी बैंकिंग सेवाएं सहित कई सेवाएं सुचारु रूप से जारी रह सके।


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रीटायर्ड पेंशन धारकों को भी छूट

अभी हाल ही में कुछ रीटायर्ड पेंशन धारकों के आधार लिंक नहीं होने पर उनको भुगतान करने में काफी परेशानी आई थी, इसे देखते हुए अब बुजुर्गों को मिलने वाली पेंशन में भी आधार की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है। मीडिया से बात करते हुए एक आधिकारिक सूत्र ने बताया कि आधार एक अतिरिक्त सुविधा है जो लाइफ सर्टिफिकेट देने के लिए केवल बैंक के चक्कर काटने की परेशानी से बचाता है। 


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आधार की अनिवार्यता को चूनौती 

गौरतलब है कि आधार की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। आधार की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 10 मई को फैसला सुरक्षित रख लिया। इससे पहले सरकार की ओर से 31 मार्च 2018 की डेडलाइन तय की गई थी। सरकार की तरफ से आधार को बैंक खातों और मोबाइल नंबर से जोड़ना अनिवार्य है, जिसे  चुनौती मिली है।  

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