
सायन इलाके के लोगों ने गुरुवार को बृहन्मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (BMC) को लीगल नोटिस दिया है।बॉम्बे हाई कोर्ट ने फ्लैंक रोड पर बंद साइकिल ट्रैक से कचरा और मलबा हटाने और उस जगह पर रेगुलर सफाई का इंतज़ाम करने का आदेश दिया था। लेकिन लोगों का आरोप है कि BMC इस आदेश का पालन नहीं कर रही है।(Sion residents send BMC legal notice over cleaning of cycling track)
BMC के खिलाफ कंटेम्प्ट एक्शन की चेतावनी
एक्टिविस्ट ग्रुप यूनाइटेड सोसाइटीज़ ऑफ़ सायन की मेंबर पायल शाह ने लोगों की तरफ से यह नोटिस दिया है। नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर आदेश को नज़रअंदाज़ किया गया तो BMC के खिलाफ कंटेम्प्ट एक्शन लिया जाएगा।
PIL फाइल, कचरा और मलबा हटाने की मांग
शाह ने सितंबर में हाई कोर्ट में एक पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (PIL) फाइल की थी। इस साइकिल ट्रैक पर बिना इजाज़त कचरा और कंस्ट्रक्शन का मलबा डालने की वजह से ट्रैफिक जाम हो रहा है।उन्होंने यह भी बताया कि एम्बुलेंस की इमरजेंसी मूवमेंट में रुकावट आ रही है। इसमें यह भी मांग की गई कि ट्रैफिक कंजेशन कम करने के लिए इस इलाके को 'पे एंड पार्क' फैसिलिटी के लिए कानूनी तौर पर खोला जाए।
पे-एंड-पार्क का प्रपोज़ल कैंसिल
BMC ने शुरू में साइकिल ट्रैक के एक हिस्से को पे-एंड-पार्क में बदलने का प्लान बनाया था। लेकिन, जुलाई में यह प्रपोज़ल कैंसिल कर दिया गया। ऐसा इसलिए है, क्योंकि 2006 के हाई कोर्ट के ऑर्डर के मुताबिक, तानसा पाइपलाइन के दोनों तरफ 10 मीटर का एरिया किसी भी कंस्ट्रक्शन या पार्किंग से फ्री रखना ज़रूरी है। 2020 में बना साइकिल ट्रैक इसी पाइपलाइन के पास है।
शाह ने पिटीशन में कहा कि पे-एंड-पार्क फैसिलिटी को अचानक कैंसिल करने और साइकिल ट्रैक पर अधूरे काम की वजह से यह एरिया अनसेफ, एनक्रोच्ड और गंदा हो गया है। उन्होंने यह भी कहा कि दिसंबर 2024 में क्लीनिंग और मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद कचरे का ढेर बढ़ गया है।
हाईकोर्ट का ऑर्डर और BMC का इनएक्शन
हाईकोर्ट ने 13 अक्टूबर को PIL का निपटारा करते हुए BMC को जल्द से जल्द मलबा और कचरा हटाने और रेगुलर क्लीनिंग के लिए एक सिस्टम बनाने का निर्देश दिया था। लेकिन, शाह का आरोप है कि लगभग दो महीने बाद भी BMC ने कोई एक्शन नहीं लिया है।शाह ने कहा, “मैंने तुरंत अधिकारियों को ऑर्डर बता दिया। लेकिन कई बार याद दिलाने के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया गया।” उन्होंने यह भी कहा कि BMC ने जानबूझकर कोर्ट के ऑर्डर का उल्लंघन किया है और न तो कचरा हटाया है और न ही सफाई के लिए स्टाफ अपॉइंट किया है। उनका दावा है कि यह कार्रवाई न करना निवासियों के साफ और सुरक्षित माहौल के मौलिक अधिकार का उल्लंघन है।
7 दिन की डेडलाइन, नहीं तो कंटेम्प्ट एक्शन
शाह के नोटिस के मुताबिक, BMC को हाई कोर्ट के ऑर्डर का पालन करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है। अगर इसके बाद भी ऑर्डर का पालन नहीं किया जाता है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कंटेम्प्ट एक्शन शुरू किया जाएगा।
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