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जानवर और मानव संघर्ष को देखते हुए राज्य सरकार ने बनाई समिति

यह समिति पीड़ितों को उचित मुआवजा देने के लिए कानून बना रही है

जानवर और मानव संघर्ष को देखते हुए राज्य सरकार ने बनाई समिति
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राज्य सरकार ने आखिराकरा जानवर और मानव संघर्ष को देखते हुए एक समिति बनाई है। यह समिति पीड़ितों को उचित मुआवजा देने के लिए कानून बना रही है , इसके अलावा जंगली जानवरों के संरक्षण और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी यह समिति कार्य करेगी। विशेष समिति जंगलों से सटे असैन्य क्षेत्रों में जंगली जानवरों के आतंक के कारण किसानों और खेत श्रमिकों पर गंभीर प्रभाव की जांच करेगी।

दुनिया भर के कानूनों का अध्ययन

2 नवंबर, 2018 को यवतमाल में बाघिन अवनी (टी 1) को गोली मारने के बाद किसानों और खेत मजदूरों को उपयुक्त मुआवजे के भुगतान के लिए एक कानून लाने के प्रस्ताव की मांग उठने लगी थी। यह समिति दुनिया भर के कानूनों का अध्ययन करेगी। अमेरिका के येलोस्टोन नेशनल पार्क में, भेड़ियों द्वारा हमलों के बाद किसानों और स्थानीय लोगों को मुआवजा देने की योजना काफी सफल रही है हालांकी अधिकारियों का मानना है की भारत में हालात अलग है।

आपको बता दे की पिछलें कुछ महिनों में मुंबई और आसपास के इलाको में जंगली जानवरो का आंतक काफी बढ़ गया है। 25 जनवरी को, नासिक के गंगापुर इलाके में एक तेंदुए ने घनी आबादी में उत्पात मचाया और कम से कम चार लोगों को घायल कर दिया । यहां तक कि मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान (SGNP) में भी कई बार तेंदुए बाहर घूमते देखे गए है। हालही में है। 20 फरवरी को, एक तेंदुआ ठाणे के एक मॉल में आ गया था।

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