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रानीबाग: विस्तारीकरण की अड़चन हुई दूर

मे.मफतलाल इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 27284 स्क्वायर मीटर जमीन को रानीबाग को देने के विरोध में दायर की गयी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया। अब इतनी बड़ी जमीन मिलने से रानी बाग़ के विस्तारीकरण के काम में तेजी आएगी।

रानीबाग: विस्तारीकरण की अड़चन हुई दूर
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वीर जिजामाता उद्यान अर्थात रानी बाग़ के विस्तारीकरण को लेकर सबसे बड़ी अड़चन दूर हो गयी। मे.मफतलाल इंडस्ट्रीज लिमिटेड की 27284 स्क्वायर मीटर जमीन को रानीबाग को देने के विरोध में दायर की गयी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया। अब इतनी बड़ी जमीन मिलने से रानी बाग़ के विस्तारीकरण के काम में तेजी आएगी।

क्या है मामला?
आपको बता दें कि रानी बाग़ का कुल एरिया 54,568.72 वर्ग मीटर है। इसमें से 27,284 वर्ग मीटर भूखंड मफतलाल को दिया भाड़े पर दिया गया था। इस भाड़े का करार पिछले साल 2017 में समाप्त हो गया। इसके बाद बीएमसी ने रानीबाग के विस्तारीकरण को लेकर मफतलाल को जमीन खाली करने का नोटिस दिया। लेकिन मफतलाल की तरफ से जमीन खाली करने से इनकार कर दिया गया। यही नहीं मफतलाल ने इसके खिलाफ हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल कर दी। तब से लेकर अब तक रानी बाग के विस्तारीकरण का काम रुका हुआ था। 

इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पहले हाई कोर्ट ने मफतलाल की याचिका को रद्द कर दिया था, इसके बाद मफतलाल ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की। गुरुवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने भी मफतलाल की याचिका ख़ारिज कर दी। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से बीएमसी को बड़ी राहत मिली है।

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