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16 जुलाई से दुग्ध उत्पादकों की राज्यव्यापी हड़ताल


16 जुलाई से दुग्ध उत्पादकों की राज्यव्यापी हड़ताल
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दुग्ध उत्पादकों ने 16 जुलाई से हड़ताल करने का निर्णय लिया है। दुग्ध उत्पादकों का आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा दूध की न्यूनतम कीमत 27 रूपये करने की उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इससे दुग्ध उत्पादकों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इससे नाराज होकर उन्होंने 16 जुलाई को राज्यव्यापी हड़ताल करने का निर्णय लिया है।

'तो दूध की एक भी बूंद मुंबई में नहीं आएगी'
स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी ने मुंबई लाइव से बात करते हुए कहा कि दुग्ध उत्पादकों को उनके उत्पादन का उचित कीमत मिले इसके लिए 16 जुलाई को आंदोलन किया जाएगा। 16 जुलाई से दूध की एक भी बूंद मुंबई में आने नहीं दिया जाएगा। मुंबई में जिन तीन रास्तों अहमदाबाद मुंबई मार्ग, नगर-नाशिक मार्ग और और पुणे-मुंबई से दूध आता है उन्हें रोका जाएगा। शेट्टी ने आगे कहा कि जब तक हमारी मांगों को नहीं माना जायेगा तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

'तो जारी रहेगी हड़ताल'
शेट्टी के मुताबिक राज्य में हर दिन 1 करोड़ लीटर गाय के दूध का उत्पादन किया जाता है। एक लीटर दूध का दाम 35 रूपये है लेकिन दूध उत्पादकों को मात्र 17 रूपये ही मिलते हैं। इससे दुग्ध उत्पादकों को आर्थिक नुकसान सहन करना पड़ता है। यही नहीं शेट्टी ने कर्नाटक मॉडल की तरह महाराष्ट्र दूध उत्पादकों के खाते में भी प्रति दिन 5 रुपये का अनुदान जमा करने की मांग की है।

सड़क पर दूध गिरना उचित है?
यह कोई पहली बार नहीं है कि जब दुग्ध उत्पादक अपन मांगों को लेकर सड़क पर उतरने का ऐलान किया है। इसके पहले भी दुग्ध उत्पादक कई बार हड़ताल कर चुके हैं, लेकिन जिस तरह से दुग्ध उत्पादक अपनी हड़ताल के दौरान सड़कों पर पानी की तरह दूध गिराते हैं वह कहां तक उचित है?

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