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परप्रांतीय मजदूरों के लिए नई मुसीबत, उत्तर प्रदेश जाने की राह अब और भी मुश्किल

उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा सरकार ने शर्त रखी है कि महाराष्ट्र में सभी प्रवासियों को 14 दिन क्वारंटीन करें और फिर कोविड की जांच के उपरांत ही उन्हें उत्तर प्रदेश आने दें।

परप्रांतीय मजदूरों के लिए नई मुसीबत, उत्तर प्रदेश जाने की राह अब और भी मुश्किल
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कोरोना वायरस के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए पूरे देश में लॉक डाउन का ऐलान किया गया है। 17 मई तक लॉक डाउन को घोषित किया गया है जिसके कारण अब महाराष्ट्र के अलग-अलग इलाकों में फंसे पर प्रांतीय मजदूर अपने अपने गांव वापस जा रहे हैं। हालांकि मुंबई में उत्तर प्रदेश जाने के लिए पुलिस थानों में जमा हो रहे आवेदन लेना भी बंद कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा सरकार ने शर्त रखी है कि महाराष्ट्र में सभी प्रवासियों को 14 दिन क्वारंटीन करें और फिर कोविड की जांच के उपरांत ही उन्हें उत्तर प्रदेश आने दें। जबकि राजस्थान, बिहार, छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के प्रवासियों के लिए यात्रा पास बनाए जा रहे हैं।



 इस शर्त के बाद महाराष्ट्र सरकार ने प्रवासियों को उत्तर प्रदेश जाने के लिए दो दिन पहले तक जारी हो रहे पास बनाना अचानक बंद कर दिया है। इसके साथ ही ट्रेन के किराए को लेकर भी महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश सरकार में मतभेद हैं। प्रदेश सरकार को 15 फीसदी ही प्रवासियों का किराया वहन करना है। हालांकि इसे लेकर भी महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश मे अभी तक कोई ठोस फैसला नही हुआ है।उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी की ओर से मुख्य सचिव महाराष्ट्र को जारी पत्र में कहा गया है कि ट्रेनों के माध्यम से यूपी के निवासियों को भेजे जाने की अनुमति पत्र प्रांत के जिलाधिकारियों के स्तर से प्राप्त हो रहे हैं।


ट्रेन चलने के 24 घंटे पहले ईमेल पर जिलावार यात्रियों की सूचियां भेजी जाएं। इस सूची में संबंधित जिलाधिकारी का अग्रसारण पत्र तथा यात्रियों की मेडिकल स्क्रीनिंग करा लिए जाने से संबंधित प्रमाण पत्र भी साथ मे होना चाहिये।

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