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मुंबई में रुके हुए उपकर (सेस) इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ

नए कानून के जरिये विभिन्न कारणों से अधूरी/रुकी हुई सेस निर्माण परियोजनाओं को टेकओवर करना और उनका पुनर्विकास करना संभव होगा

मुंबई में रुके हुए उपकर (सेस) इमारतों के पुनर्विकास का रास्ता साफ
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महाराष्ट्र आवास और क्षेत्र विकास अधिनियम संशोधन  ( MHADA) विधेयक को राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू द्वारा अनुमोदित किया गया है।  इसके लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राष्ट्रपति मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया है।  इस बिल की मंजूरी ने मुंबई में खतरनाक और उपकर वाली इमारतों के पुनर्विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य के आवास क्षेत्र सहित मुंबईकरों के लिए एक बड़ी राहत है।

अपूर्ण/रुके हुए उपकर (सेस) निर्माण परियोजनाओं को टेकओवर और पुनर्विकास करना संभव

इस नए कानून के अनुसार, म्हाडा के माध्यम से विभिन्न कारणों से अपूर्ण/रुके हुए उपकर (सेस) निर्माण परियोजनाओं को टेकओवर और पुनर्विकास करना संभव होगा।  मौजूदा मुंबई शहर में 56 से अधिक उपकर (उपकर) भवनों का पुनर्विकास रुका हुआ था या अधूरा था ।  इसलिए, म्हाडा सीधे ऐसी इमारतों को अपने कब्जे में ले सकती है और उनका पुनर्विकास कर सकती है। साथ ही, यदि मुंबई नगर निगम किसी उपकर (उपकर) भवन को खतरनाक घोषित करता है, तो भवन स्वामी को पहले भवन के पुनर्विकास का अवसर दिया जाएगा। 

यदि वह 6 महीने के भीतर पुनर्विकास का प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करता है, तो किरायेदारों को दूसरा मौका दिया जाएगा। यदि वे भी 6 माह के भीतर पुनर्विकास का प्रस्ताव प्रस्तुत नहीं करते हैं और यदि वे निर्धारित अवधि के भीतर पुनर्विकास नहीं करते हैं, तो म्हाडा उन भवनों का कब्जा ले सकती है और पुनर्विकास कर सकती है। यह संबंधित भवनों के मालिक या प्लॉट धारक को पुनर्गणना के 25 प्रतिशत या विक्रय इकाई के निर्मित क्षेत्र के 15 प्रतिशत, जो भी अधिक हो, की दर से मुआवजे का प्रावधान करता है। लिहाजा वर्षों से रुके हुए सेस (उपकर) भवनों के पुनर्विकास की राह अब पटरी पर आएगी।

राज्य सरकार ने 28 जुलाई, 2022 को केंद्रीय गृह मंत्रालय को सभी दस्तावेज, ऐसी लंबित पुनर्विकास योजनाओं, लंबित अदालती मामलों के सभी फोटोग्राफ प्रस्तुत किए। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी इसके लिए लगातार फॉलोअप कर रहे हैं।  इस विधेयक को राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है, इसलिए मुंबई में उपकर भवनों के पुनर्विकास में तेजी आएगी।

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