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मुंबई सहित महाराष्ट्र में बेहद धीमी गति से कम हो रही है कोरोना की दूसरी लहर

विदर्भ के कुछ जिलों में फरवरी महीने में सबसे पहले कोरोना की दूसरी लहर का असर दिखा उसके बाद अन्य जिलों में इसका प्रसार हुआ।

मुंबई सहित महाराष्ट्र में बेहद धीमी गति से कम हो रही है कोरोना की दूसरी लहर
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मुंबई (Mumbai) और महाराष्ट्र (Maharashtra) में कोरोना की दूसरी लहर (second wave of covid19) भले ही कम हो रही हो, बावजूद इसके जिस धीमी गति से यह लहर कम हो रही है उसे लेकर डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने चिंता व्यक्त की है। हाालांकि कोरोना (coronavirus) के केस मुंबई ही नहीं बल्कि देश भर में कम हो रहे हैं।

इस बारे में संबंधित वरिष्ठ अधिकारी ने टीओआई को बताया कि ज्यादातर राज्य, जिन्होंने  दूसरी लहर की गंभीरता देखी, जैसे दिल्ली और कर्नाटक, अब कम covid -19 के केस दर्ज हो रहे हैं। केवल महाराष्ट्र में हर दिन 8,000 से 10,000 मामलों के बीच घट बढ़ जारी है।

वरिष्ठ डॉक्टरों का मानना है कि मुंबई में भी, एक दिन में कम से कम अभी भी 600 केस से कम नहीं हो रहे हैं। बीएमसी (BMC) के एक डॉक्टर ने कहा कि अगर कम होते भी हैं, तो बीच में कुछ दिनों के लिए ही।

दिसंबर 2020-जनवरी में पहली लहर के अंत के दौरान, फरवरी के अंत में दूसरी लहर के दस्तक देने से कुछ दिनों पहले केस 300 से अधिक हो गए।

विशेषज्ञों के अनुसार, केस में इस स्थिर गिरावट के पीछे का कारण जनसंख्या के घनत्व के लिए राज्य के आकार के लिए COVID-19 डेटा की सटीक रिपोर्टिंग है। जबकि कुछ जानकारों का मानना है कि यह महाराष्ट्र के विभिन्न जिलों के लिए अलग-अलग "पीक टाइम" के कारण हुआ है।

हालांकि, मुंबई में, यह अधिक टेस्टिंग, बेहतर रिपोर्टिंग और जनसंख्या घनत्व के अनुसार उपाय योजना सहित अन्य कारण हो सकते है। बीएमसी के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा, यह विशाल जनसंख्या घनत्व या अस्थायी आबादी के कारण हो सकता है।

विदर्भ के कुछ जिलों में फरवरी महीने में सबसे पहले कोरोना की दूसरी लहर का असर दिखा उसके बाद अन्य जिलों में इसका प्रसार हुआ।रिपोर्टों के अनुसार, कोल्हापुर, सांगली, सिंधुदुर्ग और उस्मानाबाद में अब महाराष्ट्र में दर्ज होने वाले दैनिक मामलों का 60 प्रतिशत हिस्सा है।

इस बीच, सरकारी आंकड़ों का कहना है कि वर्तमान में प्रतिदिन 2.5 लाख परीक्षण किए जा रहे हैं। जनसंख्या के आकार और लोगों द्वारा कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करने में विफलता को देखते हुए, इस बात को लेकर प्रश्न उठ रहे हैं कि राज्य में प्रतिदिन कम से कम 2 फीसदी सकारात्मकता दर का दावा किया जा रहा है।

यह भी पढ़ें: बढ़ते कोरोना को लेकर राज्य में सोमवार से पाबंदियां सख्त

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