बीएमसी(BMC) क्षेत्र में पानी की आपूर्ति करने वाली दो झीलों में से निगम की 'तुलसी झील(Tulsi lake) ओवरफ्लो होने लगी है। 16 जुलाई को सुबह 11 बजे झील पूरी तरह से जलमग्न हो गई। पिछले साल 27 जुलाई, 2020 को दोपहर करीब 12 बजे झील में बाढ़ आ गई थी।
तुलसी झील बीएमसी को पानी की आपूर्ति करने वाली सबसे छोटी झील है। यह प्रतिदिन औसतन 18 मिलियन लीटर (1.8 करोड़ लीटर) पानी की आपूर्ति करता है। निगम के जल अभियंता विभाग का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से झील के जलग्रहण क्षेत्र में हुई बारिश के कारण झील में उफान शुरू हो गया है।
झील बीएमसी मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर (करीब 22 मील) दूर है।
इस कृत्रिम झील का निर्माण वर्ष 1879 में पूरा हुआ था।
इस झील के निर्माण में उस समय लगभग 40 लाख रुपये की लागत आई थी।
इस झील का जलग्रहण क्षेत्र लगभग 6.76 किमी है और यदि झील भरी हुई है तो जल क्षेत्र लगभग 1.35 वर्ग किमी है।
जब झील भर जाती है तो झील का उपयोगी जल संग्रहण 804.56 करोड़ लीटर होता है।
झील के पूरी तरह भर जाने और बहने के बाद इस झील का पानी विहार झील में चला जाता है।
इस बीच, मुंबई को पानी की आपूर्ति करने वाले सभी सात जलाशयों में वर्तमान में केवल 18 प्रतिशत जल संग्रहण है। बारिश के उलटफेर के कारण पिछले 2-3 दिनों से पानी की आपूर्ति में गिरावट आ रही है। ऊपरी वैतरणा, मोदकसागर, तानसा, मध्य वैतरणा, भातसा, विहार और तुलसी बांध से मुंबई को रोजाना 38 करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति होती है।
इन सात बांधों की कुल भंडारण क्षमता बुधवार, 7 जुलाई तक 2,66,848 मिलियन लीटर है, जो बांध की भंडारण क्षमता का केवल 18.44 प्रतिशत है। बारिश जून में समय पर शुरू हुई। नतीजतन, पानी की आपूर्ति बढ़ रही थी। जून के अंत तक, विरल वर्षा और मिट्टी के माध्यम से पानी रिसना झील में जल स्तर को कुछ हद तक बढ़ा रहा था।
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