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उत्तर प्रदेश से अधिक बेरोजगारी महाराष्ट्र में, CMIE की रिपोर्ट से हुआ खुलासा


उत्तर प्रदेश से अधिक बेरोजगारी महाराष्ट्र में,  CMIE की रिपोर्ट से हुआ खुलासा
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देश पर मंडरा रहे कोरोना (Covid-19) संकट के कारण पिछले कुछ महीनों से नागरिकों को तालाबंदी (lockdown) का सामना करना पड़ रहा है। इस अवधि के दौरान अर्थव्यवस्था प्रभावित हुई, बेरोजगारी बढ़ गई, कईयों ने अपनी नौकरी खो दी।  लेकिन अब, अनलॉक (unlock) शुरू होने के बाद, स्थिति धीरे-धीरे बदल रही है। जिसकेे कारण बेेरोजगारों (unemployment) की संख्या में नाटकीय रूप से गिरावट आई है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने इस संबंध में आंकड़े जारी किए हैं।

हालांकि देश में घटती बेरोजगारी एक अच्छी बात है। लेकिन देश के 10 राज्यों में बेरोजगारी की दर काफी चिंताजनक है। पर्यटन आधारित राज्य में बेरोजगारी बढ़ रही है। विशेष रूप से, महाराष्ट्र में बेरोजगारी की दर उत्तर प्रदेश की तुलना में अधिक है। पीटीआई ने इस संबंध में रिपोर्ट जारी की है।

रिपोर्ट के अनुसार, हरियाणा में 19.17 फीसदी नागरिक बेरोजगार हैं।  इसके बाद राजस्थान 15.30 प्रतिशत और दिल्ली 12.5 प्रतिशत पर है।  बिहार में, जहाँ चुनाव होने वाले हैं, वहां बेरोजगारी की दर 11.9 प्रतिशत है। हिमाचल प्रदेश में बेरोजगारी की दर 12 प्रतिशत है, उसके बाद उत्तराखंड में 22.3 प्रतिशत है।

सीएमआईई की सितंबर की रिपोर्ट के मुताबिक, त्रिपुरा में 17.4 फीसदी, गोवा में 15.4 फीसदी और जम्मू-कश्मीर में 16.2 फीसदी बेरोजगारी की दर है।

आंकड़े बताते हैं कि बंगाल में 9.3 प्रतिशत और पंजाब में 9.6 प्रतिशत लोगों के पास कोई काम नहीं है। तो वहीं झारखंड में बेरोजगारी की दर 8.2 फीसदी है। जबकि महाराष्ट्र में 4.5 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश में 4.2 प्रतिशत बेरोजगारी की दर हैं। और ओडिशा में बेरोजगारी की दर सबसे कम 2.1 प्रतिशत है।

कोरोना से पहले देश के कई औद्योगिक शहर बड़ी मात्रा में काम कर रहे थे। लेकिन अनलॉक शुरू होने के बाद उतनी गति से काम शुरू नहीं हुआ जितनी गति से कोरोना के पहले होता था। अनलॉक बढ़ने का इसे भी कारण माना गया है।

उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी तेजी से बढ़ी है क्योंकि कोरोना के कारण लॉकडाउन से पर्यटन कारोबार को जोरदार झटका लगा है। यह स्थिति तब तक जारी रहने की संभावना है जब तक कि पर्यटन व्यवसाय पहले की तरह पूरी तरह से शुरू नहीं हो जाता।  देश के परिवहन, मनोरंजन, खुदरा और होटल उद्योगों में स्टार्ट-अप की कमी के कारण कई राज्यों में बेरोजगारी की दर अधिक है।

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