मुंबई के प्राचीन मंदिरों में से एक बाबुलनाथ मंदिर में स्थित शिवलिंग मे दरार आ गई है। मंदिर की ट्रस्टी कमेटी ने शिवलिंग को नुकसान से बचाने के लिए IIT बॉम्बे से सर्वे करवाया। मंदिर के ट्रस्टी आईआईटी मुंबई की रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। (devotees cant offer milk, ittar or sandalwood essence at Babulnath temples)
इस रिपोर्ट से की गई सिफारिशों को न्यासियों द्वारा तय किया जाएगा। श्रद्धालुओं से अनुरोध किया गया है कि ट्रस्टियों द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। मंदिर में शिवलिंग पर फिलहाल दूध अभिषेक की अनुमति नहीं है
बाबुलनाथ मंदिर ट्रस्टीज के अध्यक्ष नितिन ठक्कर ने कहा कि कोरोना संकट के समय से मंदिर में दूध अभिषेक बंद कर दिया गया है। मंदिर के पुजारियों ने देखा कि रासायनिक पदार्थ डाले जाने से शिवलिंग खतरे में है।
पुजारियों ने आशंका जताई थी कि शिवपिंडी पर खतरा मंडरा रहा है। अपनी शंकाओं को दूर करने के लिए मंदिर के ट्रस्टियों ने IIT मुंबई से सर्वे कराने का फैसला किया। आईआईटी मुंबई की एक टीम पिंडी की सुरक्षा के लिए सुझाव देगी। इनकी रिपोर्ट इसी महीने मिल सकती है।
मंदिर से जुड़े लोगों के अनुसार शिवलिंग पर दूध, पानी, शहद, अबीर, गुलाल, चंदन, भस्म, बेलपत्र, कॉर्नफ्लावर, धोती फल चढ़ाया जाता है। बाजार में मिलने वाले दूध,अबीर, चंदन, भस्म मिलावटी हैं। इसमें केमिकल मिलाया जाता है। दूध में कैल्शियम होता है। ऐसे में शिवलिंग के खराब होने का खतरा है।
बाबुलनाथ मुंबई का सबसे पुराना शिव मंदिर है। यहां शिवलिंग 350 साल पुराना है। मुंबई आईआईटी के विशेषज्ञ इस शिवलिंग के नुकसान को रोकने के लिए एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं। मंदिर समिति ने शिवलिंग दूध, भस्म, गुलाल और तरह-तरह के प्रसाद चढ़ाने पर रोक लगा दी है। इस शिवलिंग पर केवल जलाभिषेक ही किया जा सकता है।
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