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आखिर पालघर में क्यों आता है बार बार भूकंप?

11 नवंबर 2018 से अब तक इलाके में कुल 42 छोटे बड़े भूकंप के झटके लग चुके है।

आखिर पालघर में क्यों आता है बार बार भूकंप?
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अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांत जीवनशैली के लिए मशहुर पालघर अब भूकंप के कारणो की वजह से खबरों में है। महाराष्ट्र सरकार द्वारा 1अगस्त 2014 को पालघर 36वां जिलाघोषित किया गया। इसके पहले यह ठाणे जिला के अंतर्गत आता था। दरअसल पालघर को स्वतंत्र जिला देने का मुख्य उद्देश था इसका सर्वागिण विकास , लेकिन पिछलें कुछ समय से इलाके में आ रहे भूकंप के झटकों की वजह से स्थानिय लोगों ने इसे लेकर परेशानियां बनी हुई है। हालांकी एनडीआरएफ और सिविल डिफेंस की टिमों को पालघर में तैनात कर दिया गया है , बावजूद इसके अभी कई लोगों के मन से भूकंप का खौफ कम होता नहीं दिख रहा है।

नेशनल सेंटर फ़ॉर सीस्मोलॉजी के वैज्ञानिक 11 नवंबर, 2018 से महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्थाई भूकंपीय वेधशाला में दर्ज की गई रहस्यमयी भूकंपीय तरंगों से हैरान हैं। तेलसारी तालुका में 3 से ज्यादा तीव्रता के 10 से ज्यादा भूकंप आए हैं। 11 नवंबर 2018 को इलाके में पहला भूकंपा का झटका महसूस किया गया , इसके बाद अब तक इलाके में कुच 40 से भी ज्यादाबार भूकंप आ चुका है। इसमें से सबसे बड़ा झटका 1 फरवरी को आय़ा जिसकी तीव्रता 3.6 थी। 1 फरवरी को जिले के दहानु और तलासरी तालुकों में झटके महसूस किए गए, इन झटको में एक 2 साल की बच्ची की भी नाक में चोट लगने की वजह से मौत हो गई थी। सरकार ने बच्ची के घरवालों को 4 लाख का मुआवजा भी दिया था।

मुख्यमंत्री ने लिया जायजा
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पालघर के भूकंपग्रस्त इलाके डहाणू व तलासरी में शीघ्र सुरक्षा उपायों के लिए आवश्यक कदम उठाने का निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिया है। मुख्यमंत्री ने भूकंप के झटकों से हुई दो वर्षीय बालिका वैष्णवी के परिजनों को आर्थिक मदद देने की बात कही है। मुख्यमंत्री शुक्रवार को पालघर दौरे पर थे। इस बीच उन्होंने पालघर के सरकारी विश्रामगृह का उद्घाटन किया और उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर जिले के विकास कार्यो का जायजा लिया।

अब तक 42 बार से भी ज्यादा आ चुका है भूकंप
11 नवंबर 2018 से अब तक इलाके में कुल 42 छोटे बड़े भूकंप के झटके लग चुके है। हालांकी इन झटकों में एक बच्ची के मौत के अलावा अभी तक किसी और से मृत्य या घायल होने की खबरें सामने नहीं आई है। इसके साथ ही सरकार और स्थानिय प्रशासन के साथ साथ के साथ साथ डिजास्टर रिलीफ टिम ने भी इलाके पर पैनी नजर बनाई हुई है। एनडीआरएफ की टीम के साथ साथ सीविल डिफेंस की टिम का भी इलाके में तैनात किया गया है।

रिपोर्ट का इंतजार
जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के विवेकानंद कदम ने मुंबई लाइव से बात करते हुए कहा की 'पालघर में बार बार भूकंप आने की असली वजहों को जानने के लिए हैदराबाद से एक विशेष टीम और मुंबई IIT की एक टीम तैयार की गई है। इस टीम ने यहां पर अध्ययन किया और सहीं कारणों को जानने के लिए एक रिपोर्ट तैयार कर रही है , जब तक यह रिपोर्ट नहीं आ जाती तब तक भूकंप के सही कारणों के बारे में कुछ कहां नहीं जा सकता है।'

लोगों में जागरुकता लाने की पहल

विवेकानंद कदम ने बताया की प्रशासन ने लोगों में भूकंप से होनेवाले नुकसान और उनके बचने के लिए स्थानिय लोगों ने जागरुरता लाने के लिए कई तरह के कदम उठाए है। मौजूदा समय में छात्र स्कूलों के बाहर प्रांगण में पढ रहे है , छात्रों में भूकंप से होनेवाले नुकसान और उनसे बचने के उपायों के बारे में जानकारी देने के लिए उन्हे एक बूक भी दी गई है और इसके साथ ही स्कूलों को भी कहा गया है की इन बूक्स को सुबह के समय बच्चों को जरुर पढ़ाया जाए।

इमारतों को भी बनाया जाएगा भूकंप अवरोधी
स्थानिय लोगों और छात्रों में जागरुकता लाने के साथ साथ प्रशासन ने इलाके में बन रही इमारतों को भी भूंकप अवरोधी बनाने का फैसला किया है। सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आनेवाले सभी इमारतों को भूकंप अवरोधी बनाने का भी फैसला किया है।

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