क्रिकेट के भीष्म कहे जाने वाले और पूर्व क्रिकेटर मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंडुलकर के कोच रमाकांत आचरेकर का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। 87 वर्षीय आचरेकर का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ। उन्होंने अंतिम सांस शिवाजी पार्क के करीब स्थित अपने आवास में लीं। उनकी मौत की खबर से भारतीय क्रिकेट जगत में दुःख की लहर फ़ैल गयी है।
मात्र 11 साल कि उम्र से ही क्रिकेट खेलने वाले आचरेकर का जन्म साल 1932 में हुआ था। यह आचरेकर का ही कमाल था कि उन्होंने विश्व को सचिन तेंडुलकर जैसा महान क्रिकेटर दिया। यही नहीं आचरेकर ने सचिन के अलावा विनोद कांबली, समीर दीघे, प्रवीण आमरे, चंद्रकांत पंडित और बलविंदर सिंह संधू सरीखे कई दिग्गज क्रिकेटरों को तराशा, जिन्होंने अपने खेल से क्रिकेट जगत को खूब रोशन किया। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भी आचरेकर के निधन पर शोक व्यक्त किया है।
The BCCI expresses its deepest sympathy on the passing of Dronacharya award-winning guru Shri Ramakant Achrekar. Not only did he produce great cricketers, but also trained them to be fine human beings. His contribution to Indian Cricket has been immense. pic.twitter.com/mK0nQODo6b
— BCCI (@BCCI) January 2, 2019
रमाकांत आचरेकर को श्रद्धांजलि देते हुए बीसीसीआई ने अपने ट्वीट में लिखा, 'उन्होंने भारत को सिर्फ महान क्रिकेटर ही नहीं दिए बल्कि अपनी ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने खिलाड़ियों को अच्छा इंसान भी बनाया। भारतीय क्रिकेट में उनका योगदान अमिट है।'
पद्मश्री और द्रोणाचार्य जैसे पुरस्कारों से सम्मानित होने वाले आचरेकर के बारे में सचिन ने कई मौकों पर और इंटरव्यूह देते समय अपने और उनके बीच के किस्से का जिक्र किया है। सचिन और कांबली आचरेकर के सबसे प्रिय शिष्यों में से एक थे।
सचिन चर्चा करते हुए बताते हैं कि उनके करियर की शुरुआत के दिनों में आचरेकर उन्हें प्रैक्टिस के लिए कई मैदानों पर लेकर जाते थे। जब सचिन अच्छा परफॉर्म करते तो गुरु आचरेकर उन्हें ईनाम में वड़ा पाव देते थे।