ठाणे में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, 5 गिरफ्तार

एंटी एक्सटॉर्शन सेल (anti extorshan cell) ने एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो ऊंची कीमत पर रेमडेसीवीर इंजेक्शन बेच रहे थे।

ठाणे में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी, 5 गिरफ्तार
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मुंबई के बाद अब ठाणे में भी कोरोना वायरस (Coronavirus in thane) में प्रभावी मानी जाने वाली दवा रेमडेसीवीर (remedesivir) इंजेक्शन के कलाबाजारी होने की बात सामने आई है। एंटी एक्सटॉर्शन सेल (anti extorshan cell) ने एक गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, जो ऊंची कीमत पर रेमडेसीवीर इंजेक्शन बेच रहे थे।

वैसे तो मार्केट में इस इंजेक्शन की कीमत 5 हजार से लेकर 5500 रुपये तक है लेकिन ये सभी आरोपी बाजार में इस इंजेक्शन को 25,000 रुपये से लेकर 80,000 रुपये में बेच रहे थे। पुलिस ने बताया कि आरोपियों की पहचान अरुण रामजी सिंह, सुधाकर शोभित गिरी, रविंद्र मोहन शिंदे, वसीम अहमद अब्दुल अहमद शेख और अमिताभ निर्मलदास के रूप में हुई है।

ठाणे में, कोरोना (Covid-19) के केस दिन-प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहे हैं। कोरोना (Coronavirus) को नियंत्रण में लाने के लिए प्रशासन युद्ध स्तर पर काम कर रहा है। तो वहीं आम नागरिकों को गुमराह कर दवा के नाम पर लूटा जा रहा है।  वर्तमान में कोरोना की कोई दवा या वैक्सीन नहीं है। इस केस में 'रेमडिसिवीर' (remedies vir injection) को प्रभावी माना जाता है।  इसलिए इस इंजेक्शन की काफी मांग है।  इस इंजेक्शन का बाजार मूल्य 5400 रुपये है।  

एक गिरोह द्वारा इस इंजेक्शन की कालाबाजारी करने की सूचना ठाणे एंटी एक्सटॉर्शन सेल को पता चली। साथ ही इस बात की भी सूचना मिली कि, आरोपी इंजेक्शन बेचने के लिए ठाणे के नौपाड़ा पुलिस इलाके में आ रहे हैं। तदनुसार, पुलिस ने खाद्य और प्रशासन विभाग के अधिकारियों के साथ एक जाल बिछाया और तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया।  तीनों से पूछताछ के दौरान पुलिस ने इस गोरखधंदे से जुड़े और दो लोगों को गिरफ्तार किया।  पुलिस ने आरोपियों के पास से 5 लाख 18,500 रुपये का सामान भी जब्त किया।

राज्य में दवा का व्यापक रूप से सप्लाई की जा रही है। इस पर राज्य सरकार की भी नजर है।  कालाबाजारी रोकने के लिए दवा खरीदने के लिए आधार कार्ड का डिटेल देना भी अनिवार्य कर दिया है। अस्पतालों को भी मरीज का आधार कार्ड का रिकॉर्ड रखने के लिए कहा गया है। कैबिनेट मंत्री राजेंद्र शिंगेन ने यह भी कहा था कि इस दवा को लेने के लिए डॉक्टर की पर्ची, कोविड पॉजिटिव की रिपोर्ट और मोबाइल नंबर के साथ आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा। 

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