लॉकडाउन में अच्छी खबर, घरेलू हिंसा के केस में आई कमी

देश मे पिछले कुछ समय से पारिवारिक झगड़ों के कारण हिंसा के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल घरेलू हिंसा की दर में लगभग 88 फीसदी की गिरावट आई है।

लॉकडाउन में अच्छी खबर, घरेलू हिंसा के केस में आई कमी
SHARES

इस समय भारत सहित दुनिया के कई देश कोरोना वायरस के कारण जूझ रहे हैं। भारत में भी कोरोना का काफी प्रसार हो चुका है। आंकड़ों के मुताबिक भारत में 12 लाख से अधिक कोरोना के मरीज हो चुके हैं। देश की अधिकांश जनसंख्या इस समय कोरोना के ख़ौफ में जी रही है। वैसे इस कोरोना काल मे सब सब कुछ बुरा ही नहीं हो रहा है, कुछ ऐसी भी बातें सामने आई हैं जो अच्छी भी हैं। जैसे प्रदूषण, देश के प्रदूषण का स्तर काफी नीचे गिर गया है। कई नदीयां स्वच्छ हो गयी हैं। एक और अच्छी खबर है कि, देश में घरेलू हिंसा के मामलों में भी काफी कमी आई है।

हालांकि देश में कोरोना का प्रचलन दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।  हालांकि, देश की अर्थव्यवस्था को बचाए रखने के लिए, लॉकडाउन को आराम देना आवश्यक है।  यही कारण है कि मिशन स्टार्ट अगेन के तहत देशों में तालाबंदी का छठा चरण शुरू हुआ है, जिसमें कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति दी है।  यहां तक कि कोरोना में संकट के समय में, एक चीज जो हल हो गई है वह है घरेलू हिंसा में कमी।

देश मे पिछले कुछ समय से पारिवारिक झगड़ों के कारण हिंसा के मामले में बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि, पिछले साल की तुलना में इस साल घरेलू हिंसा की दर में लगभग 88 फीसदी की गिरावट आई है।

यह भी पढ़ेKDMC में गुरुवार को 366 नए मरीज आए सामने

इसका कारण बताते हुए मनोचिकित्सक सुरेश अग्रवाल का कहना है कि, लॉकडाउन के कारण लोगों को घर से काम करने की छूट यानी वर्क फ्रॉम होम की सुविधा दी गई है। इससे जो पति-पत्नी आपसी अनबन के कारण एक दूसरे का चेहरा देखना पसंद नहीं करते थे, वे अब मजबूरी में ही सही एक दूसरे के साथ समय बीता रहे हैं और उनके बीच संवाद स्थापित हो रहा है। जिससे उनकी आपसी अनबन भी दूर हो रही है। और पारिवारिक विवाद के केस कम आ रहे हैं।

तो वहीं फैमिली कोर्ट के वकील विकास पांडेय का कहना है कि, यह सही है कि कोरोना काल मे लगाए गए लॉकडाउन के कारण तलाक के केस कोर्ट में कम आ रहे हैं। हालांकि, कुछ स्थानों पर धारा 498 के तहत मामले दर्ज किए गए हैं और पुलिस जांच भी कर रही है। साथ ही कुछ मामलों में आपसी समझौता के तहत केस वापस लेने की प्रक्रिया चल रही है।

अगर आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जून महीने में धारा 498 के तहत घरेलू हिंसा के 12 मामले सामने आए हैं। तो मई महीने में छह मामले जबकि अप्रैल में केवल 4 मामले दर्ज कराए गए थे। हालांकि, कई मामलों में दर्ज केस को वापस लेने के लिए भी आवेदन किए गए हैं।

यह भी पढ़ेमहाराष्ट्र को दुनिया में सर्वोत्तम स्वास्थ्य सुविधा वाला राज्य बनाना मेरा सपना है : उद्धव ठाकरे

एक अधिकारी ने बताया कि घरेलू हिंसा की घटना 2019 में अधिक थी। पिछले साल जून में घरेलू हिंसा अधिनियम की धारा 498 के तहत 74 मामले दर्ज किए गए थे, तो मई 2019 में 49 मामले और अप्रैल 2019 में 62 मामले दर्ज किए गए थे।

एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि इनमें से ज्यादातर मामले फिलहाल लंबित हैं। अन्य मामले की अभी भी जांच चल रही है।

Read this story in मराठी
संबंधित विषय
मुंबई लाइव की लेटेस्ट न्यूज़ को जानने के लिए अभी सब्सक्राइब करें