फर्जी सर्टिफिकेट लगा कर 31 साल तक किया सरकारी नौकरी, प्रमोशन मिलने के बाद हुआ गिरफ्तार

31 साल बाद काम करने के बाद जब प्रमोशन का समय आया तो प्रोसेस अनुसार सिंह के सभी डॉक्युमेंट्स चेक किये गए। उसी दौरान पता चला कि सिंह ने नौकरी पाने के समय जो भी डॉक्युमेंट्स जमा कराये थे सभी फर्जी हैं।

फर्जी सर्टिफिकेट लगा कर 31 साल तक किया सरकारी नौकरी, प्रमोशन मिलने के बाद हुआ गिरफ्तार
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अग्रीपाड़ा पुलिस ने 56 वर्षीय बीएमसी कर्मचारी बिजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया है। सिंह पर आरोप है कि इसने बीएमसी में सरकारी नौकरी पाने के लिए जो स्कूली डॉक्युमेंट्स लगाए हैं वे सभी फर्जी हैं।

क्या है मामला?
मूल रूप से यूपी का रहने वाला बिजेंद्र सिंह बीएमसी में सफाई कर्मचारी के रूप में नियुक्त है। इस नौकरी के लिए उसने साल 1984 में आवेदन किया था। शुरू में सिंह की नियुक्ति संविदा आधार पर की गयी लेकिन साल 1988 में इसे परमानेंट कर दिया गया। 

इस समय सिंह भायखला के कस्तूरबा गांधी अस्पताल में बतौर सफाई कामगार के रूप में काम कर रहा था। 31 साल बाद काम करने के बाद जब प्रमोशन का समय आया तो प्रोसेस अनुसार सिंह के सभी डॉक्युमेंट्स चेक किये गए। उसी दौरान पता चला कि सिंह ने नौकरी पाने के समय जो भी डॉक्युमेंट्स जमा कराये थे सभी फर्जी हैं।

इसके बाद कस्तूरबा अस्पताल के डीन चंद्रकांत पवार ने सिंह के खिलाफ अग्रीपाड़ा पुलिस ने शिकायत दर्ज कराई। उनकी शिकायत में कहा गया है कि सिंह ने 1984 से जाली दस्तावेज पेश किया था और 1988 में अपनी नौकरी के बाद से सभी भत्तों का उपयोग अवैध रूप से कर रहा है।

कस्तूरबा अस्पताल के डीन चंद्रकात पवार की शिकायत पर 12 फरवरी को बिजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया। उसे कोर्ट के आदेश के बाद ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया गया है। सावलाराम अगावणे, सीनियर अधिकारी ,आग्रीपाड़ा पुलिस स्टेशन 

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