जमानत अर्जी खारिज होने के बाद वर्नोन गोन्साल्विस और अरुण परेरा को पुलिस ने किया गिरफ्तार

पुणे सेशन कोर्ट ने शुक्रवार को वर्नोन गोन्साल्विस और अरुण परेरा की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

जमानत अर्जी खारिज होने के बाद वर्नोन गोन्साल्विस और अरुण परेरा को पुलिस ने किया गिरफ्तार
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यलगार परिषद मामले और नक्सल कनेक्शन के आरोप में घिरे वर्नोन गोन्सालवीस और अरुण परेरा की जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी गई थी। जिसके बाद शनिवार को पुणे पुलिस ने फिर से उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका: पुणे की विशेष कोर्ट न्यायाधीश के.डी. वढणे ने इनकी जमानत याचिका खारिज की थी।

एसआईटी की मांग भी खारिज

सुप्रीम कोर्ट ने इतिहासकार रोमिला थापर की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें भीमा कोरेगांव हिंसा केस में गिरफ्तार सामाजिक कार्यकर्ताओं के मामले की जांच एसआईटी से कराने की मांग की गई थी। कोर्ट ने महाराष्ट्र पुलिस को इसकी जांच करने की इजाजत दी है। सुप्रीम कोर्ट में रोमिला थापर ने यह समीक्षा याचिका लगाई थी।

 6 नवंबर तक पुलिस हिरासत

भीमा कोरेगांव हिंसा मामले के पुणे की एक अदालत ने आरोपी अरुण फरेरा और वेरनन गोंजाल्विस को 6 नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार उनका हाउस अरेस्ट 26 अक्टूबर को खत्म होने वाला था जो रात के 12 बजे यह समय सीमा खत्म हो गई ।

1 जनवरी 2018 को महाराष्ट्र के भीमा कोरेगांव में बड़े पैमाने पर जातीय हिंसा फैली थी। इस मामले की जांच के दौरान पुणे पुलिस ने 28 अगस्त को 5 सामाजिक कार्यकर्ताओं गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, वेरनन गोंजाल्विस, वरवरा राव और अरुण फरेरा को देश के अलग-अलग शहरों से गिरफ्तार किया था।


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