1993 सीरियल बम ब्लास्ट: 'टकला' क्राइम ब्रांच की कस्टडी में

993 सीरियल बम ब्लास्ट में आरोपियों को भगाने में फारूक टकला का नाम सामने आया था।

1993 सीरियल बम ब्लास्ट: 'टकला' क्राइम ब्रांच की कस्टडी में
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गुरुवार को जे.जे अस्पताल में साल 1992 में हुए फायरिंग मामले में क्राइम ब्रांच ने सीबीआई से यासीन मंसूरी मोहम्मद फारूक उर्फ़ टकला (57) की कस्टडी अपने पास ली। टकला को पिछले महीने यूएई से गिरफ्तार किया गया। 1993 सीरियल बम ब्लास्ट में आरोपियों को भगाने में फारूक टकला का नाम सामने आया था।


क्या है आरोप टकला का?
मुंबई पुलिस को 1993 बॉम्बे सीरियल बम ब्लास्ट मामले में महत्वपूर्ण कड़ी माना जा रहा टकला की काफी दिनों से तलाश थी। आरोप है कि टकला ने बम ब्लास्ट के सभी आरोपियों को देश से बाहर भागने में मदद की थी। यही नहीं बम बनाने और आधुनिक हथियार चलाने का प्रक्षिशण देने के लिए आरोपियों को मुंबई से दुबई और दुबई से कराची भेजने का काम भी टकला के जिम्मे था।


शूटरों की मदद की थी टकला ने 
जे.जे अस्पताल फायरिंग मामले में भी फारूक टकला ने आरोपियों की मदद की थी। यही नहीं दाऊद की बहन हसीना पारकर के पति इब्राहिम पारकर की गवली के गिरोह ने गोली मार कर हत्या कर दी थी। इसके बाद 12 सितंबर 1992 में गवली गिरोह के सदस्य शैलेश हलदनकर की भी हत्या दाऊद के शूटरों ने कर दी। बताया जाता है कि शैलेश की हत्या के पीछे शूटरों की मदद टकला ने ही की थी। यही नहीं इस गोलीबारी में पुलिस के दो जवानों की भी मौत हो गयी थी।


टकला है 64वां आरोपी  
भारत सरकार के अनुरोध पर टकला के खिलाफ इंटरपोल ने 1995 में रेड कॉर्नर नोटिस भी जारी किया था। कई देशों से भारत की प्रत्यपर्ण संधि होने के बाद 2002 से अनेक आरोपी विदेशों से भारत भेजे गए हैं। उन्ही में से एक यही फारूक टकला। फारूक टकला 64वां आरोपी है जो प्रत्यपर्ण संधि के द्वारा विदेश से भारत भेजा गया है।

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