बाल अपराध के मामले में मुंबई महाराष्ट्र में पहले पायदान पर है। एक रिपोर्ट द्वारा यह जानकारी सामने आई है। अपराध जांच विभाग ने इस रिपोर्ट को जारी किया है। इस रिपोर्ट में जो रिजल्ट सामने आएं हैं वे काफी चौकाने वाले हैं। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र में बाल अपराध में 2015 के मुकाबले 2016 में 13.8 फीसदी की वृद्धि हुई है। इस रिपोर्ट को इसी साल जनवरी के पहले सप्ताह में जारी किया गया है।
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रिपोर्ट में बताया गया है कि 2016 में महाराष्ट्र में बाल अपराध के 6239 मामले दर्ज किए थे, जबकि 2015 में यह मामला 5,482 पर था। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि ज्यादातर किशोरों को चोरी के अपराध में गिरफ्तार किया गया है, लेकिन चोरी के बाद डकैती, रेप सहित ऐसे अन्य मामले भी हैं जिनके तहत किशोरों को गिरफ्तार किया गया है।
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यही नहीं इन अपराधों के अलावा किशोरों की निषेध अधिनियम, जुआ अधिनियम, एनडीपीएस अधिनियम और शस्त्र अधिनियम के तहत भी गिरफ्तार किया गया है। अपनी रिपोर्ट में बाल अपराधों के प्रति सीआईडी विशेषज्ञों ने एक कानूनी दृष्टिकोण रखने का सुझाव दिया गया है, साथ ही उनके परामर्श और पुनर्वास का भी सुझाव दिया गया है।
इस बारे में पूर्व आईपीएस और वकील वाईपी सिंह ने कहा कि बच्चों को अपराध करने के लिए अक्सर आर्थिक कारण अधिक जिम्मेदार होते हैं। उन्होंने कहा कि इसे सही जांच और दृढ़ विश्वास के जरिये रोका जा सकता है।
2016 में बाल अपराध के मामले
मुंबई- 901
सतारा -811
पुणे- 727
नागपुर- 364
ठाणे- 344