बांद्रा (bandra) में 14 अप्रैल को भीड़ जुटने के मामले में गिरफ्तार किए गए विनय दुबे (vinay dubey) को कोर्ट ने 15 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। विनय दुबे पर आरोप था कि, इनके उकसाने पर ही लॉकडाउन (lock down) के बावजूद लोगों की भीड़ बांद्रा स्टेशन के बाहर जमा हो गयी थी।
विनय दुबे जो खुद को उत्तर भारतीय महापंचायत के अध्यक्ष कहता है वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के भदोही का रहने वाला है और नवी मुंबई के ऐरोली में रहता है।
दुबे ने अभी हाल ही में सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था जिसमें उसने तालाबंदी के कारण मुंबई में फंसे प्रवासी कर्मचारियों को उनके गांव भेजने की मांग की थी।
उसने अपने वीडियो में कहा कि, अगर मजदूरों के गांव जाने की व्यवस्था नहीं होने पर लोगों से सड़क पर उतरने की अपील की थी।
Mumbai: A Bandra Court today granted bail to accused Vinay Dubey on a personal bond of Rs 15,000. He was arrested in connection with the gathering at Bandra on 14th April. #CoronavirusLockdown
— ANI (@ANI) April 28, 2020
दुबे की अपील के बाद 16 अप्रैल को लगभग 3 से 4 हजार की संख्या में प्रवासी मजदूर बांद्रा वेस्ट में रेलवे स्टेशन के बाहर एकत्रित हो गए। लॉकडाउन के बावजूद लोगों की भीड़ जमा होने पर पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। इसके बाद पुलिस ने भीड़ को हटाने के लिए लाठीचार्ज भी किया। और जब पुलिस ने इस मामले की जांच के लिए सोशल मीडिया को खंगाला तो उनके हाथ दुबे का यह वीडियो लगा। इसके बाद पुलिस ने दुबे को उसके घर ऐरोली से गिरफ्तार कर लिया।
इस बीच, कुछ लोगों ने दुबे और MNS अध्यक्ष राज ठाकरे की एक तस्वीर के आधार पर उनका संबंध जोड़ना शुरू किया। लेकिन मनसे की तरफ से सफाई आई कि, दुबे और मनसे का कोई संबंध नहीं है बल्कि दुबे ने एक बार राज ठाकरे को उत्तर भारतीयों के एक कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए राज ठाकरे को आमंत्रित किया था, और दुबे ने राज के साथ वहां एक फोटो खिंचाया था।