कोरोना वायरस के कारण दुनिया भर के कई देशों में लॉकडाउन घोषित किया गया है, जिसमें भारत भी शामिल है। इस लॉकडाउन के कारण सभी को परेशानी हो रही है, लेकिन कुछ ऐसा भी हो रहा है जिससे सुकून भी मिल रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक इस लॉकडाउन के चलते मुंबई में होने वाले अपराधों की संख्या में 67 फीसदी की गिरावट हुई है।
लगता है कोरोना से कई अपराधी भी डर गए हैं। बताया जाता है कि कोरोना के डर से कई अपराधियों ने मुंबई छोड़ दिया है, और जो मुंबई में हैं भी वो अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं।
पुलिस के मुताबिक मार्च महीने में मात्र 1100 आपराधिक केस रजिस्टर्ड किए गए थे। जबकि पिछले साल इसी महीने 3368 केस रजिस्टर्ड किए गए थे। इस साल मार्च महीने में जो केस दर्ज किए गए हैं, उसमें अधिकांश धारा 188 के हैं, यानी लॉकडाउन का उल्लंघन करने वाले।
2019 में कुल 41933 केस दर्ज किए गए थे, जिसमें अधिकांश केस चोरी के थे।
पिछले साल मार्च महीने में चोरी की कुल 484 केस दर्ज किए गए थे, जबकि इस महीने चोरी के केस जीरो हैं। यही नहीं चोरी के अलावा चैन स्नेचिंग, मोबाइल चोरी, छिनैती, बैग चोरी करने जैसी घटनाओं में भी कमी आई है।
सूत्रों का कहना है कि इन सब अपराधों को अंजाम देने के लिए भीड़ का होना जरूरी होता है लेकिन लॉकडाउन के कारण भीड़ नहीं हो पा रही है जिससे अपराधों में कमी आ रही है।
इसके अलावा जो गंभीर किस्म के अपराध माने जाते हैं जिसमें मर्डर, रेप और किडनैपिंग जैसे केस हैं उसमें भी कमी आई है।
लॉकडाउन का लोग अच्छी तरह से पालन करें इसके लिए पुलिस प्रशासन मुस्तैद है। इस लॉक डाउन के कारण पुलिस को भी कहीं न कहीं मदद मिल रही है। अगर अपवाद स्वरूप कुछ घटनाओ को छोड़ दिया जाए तो बाकी सब कंट्रोल में है।