बॉम्बे हाई कोर्ट ने अरमान खत्री को जमानत दे दी जिस पर 10 मई को अपने बैचमेट दर्शन सोलंकी की आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था। उसे जमानत देते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि उसे उसके खिलाफ जाति-आधारित भेदभाव और उत्पीड़न का कोई सबूत नहीं मिला। (Darshan Solanki Suicide Case High Court grants bail to accused Arman Khatri)
अदालत ने यह भी देखा कि उसे खत्री के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का कोई सबूत नहीं मिला।
फरवरी में दर्शन सोलंकी ने आईआईटी बॉम्बे में आत्महत्या कर ली थी। प्रारंभ में, मामले की जांच पवई पुलिस द्वारा की जा रही थी और बाद में इसे विशेष जांच दल को स्थानांतरित कर दिया गया था। इसी टीम को सुसाइड नोट मिला है जिसमें अरमान खत्री का नाम लिखा है।
बाद में अरमान को हिरासत में ले लिया गया। दर्शन के साथ कथित तौर पर उनकी जाति को लेकर भेदभाव करने के आरोप में खत्री पर अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था।
6 मई को आरोपी अरमान खत्री ने एससी/एसटी के लिए विशेष अदालत में जमानत हासिल की। 25,000 रुपये के अस्थायी नकद बांड की जमानत पर अदालत ने उन्हें जमानत दे दी।
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