डॉ. आमरापूरकर की मृत्यू मामले में मुंबई उच्च न्यायालय में दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने बीएमसी को नोटिस दे दिया है। साथ ही 2 सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है।
बॉम्बे हॉस्पिटल के नामचीन गैस्ट्रोइंटरोलॉजिस्ट डॉ. दीपक अमरापूरकर की 29 अगस्त को भारी बारिश के चलते प्रभादेवी के खुले मैनहोल में गिरने से दुखद मौत हो गई थी। इस दुर्घटना के लिए मुंबई महापालिका को जबाबदार बताते हुए 'फेडरेशन ऑफ रिटेल ट्रेडर्स वेल्फेयर' ने मुंबई उच्च न्यायालय में याचिका दर्ज की थी।
दोषी पर कार्रवाई, नुकसान भरपाई
इस याचिका में बीएमसी के खिलाफ जीवित इंसान का मर्रडर का मामला दर्ज करने, दोषी अधिकरियों पर तत्काल कार्रवाई करने के साथ ही 50 लाख लाख रुपए नुकसान की भरपाई के रुप में देने की मांग याचिकाकर्ता ने की थी।
मांग को ठुकराया
इन दोनों ही मांगो को उच्च न्यायालय ने आज ठुकरा दिया है। याचिकाकर्ता में डॉ. अमरापूरकर के परिवारवालों में से कोई भी कोर्ट में मौजूद नहीं था।
साथ ही न्यायालय ने याचिकाकर्ता से कहा कि वे मामला दर्ज करने के लिए या तो पुलिस के पास जाएं या फिर दंडाधिकारी के पास।
इस तर से घटी घटना
प्रभादेवी निवासी डॉ. अमरापूरकर मंगलवार की दोपहर 4.80 बजे बॉम्बे हॉस्पिटल से घर के लिए निकले थे। पानी के अधिक जमाव की वजह से लोअर परेल स्थित इंडिया बुल्स के समीप उन्होंने अपनी गाड़ी रोकी थी। कुछ समय तक पानी कम होने का उन्होंने इंतजार किया फिर भी जब पानी कम नहीं हुआ तो वे गाड़ी खड़ी करके पैदल घर के लिए निकल गए। उनका घर वहां से सिर्फ 10 मिनट की ही दूरी पर था। पर वे घर नहीं पहुंचे।
पानी का लेवल कम होने के बाद बीएमसी के कर्मचारियों ने एल्फिन्स्टन के मैनहोल के ढक्कन निकाले। पर उन्हें नहीं समझा की डॉ. अमरापूरकर यहां पर गिरे हैं। आखिरकार 2 दिन के बाद उनकी डेथ बॉडी पुलिस को वरली स्थित कोलीवाला से मिली।