एक बार फिर से एक शख्स ने मंत्रालय में आत्महत्या करने की कोशिश की। शख्स का नाम दिलीप सोनवणे बताया जाता है। बताया जाता है कि दिलीप से जबरन वीआरएस लिया गया था। इसी बात से नाराज होकर उसने मंत्रालय के लेबर डिपार्टमेट ऑफिस के बाहर जहर पी लिया।
क्या था मामला?
मिली जानकारी के मुताबिक दिलीप सोनावणे मंत्रालय में उद्योग, श्रम और ऊर्जा विभाग में प्यून का काम करता है। दिलीप पर आरोप है कि उसने गैरकानूनी रूप से स्टेशनरी, पंखा और सरकारी सामान बाहर बेचा करता था साथ ही वह अपनी ड्यूटी से कई बार गैर हाजिर भी रहता था। इन्ही सब आरोपों को लेकर उस पर विभाग के उपसचिव चंद्रकांत पुलकुंडवार ने एक समिति का गठन कर जांच का आदेश भी दिया था। इस जांच के बाद समिति ने सहानुभूति जताते हुए दिलीप को नौकरी से निकाले जाने के बजाय उसे नौकरी पर से वीआरएस देने का दबाव बनाया जाने लगा। अगर दिलीप नौकरी से निकाला जाता तो उसे कुछ भी बोनस या फंड नहीं मिलता जबकि वीआरएस में तत्कालीन समय तक मिलता है।
गुरुवार को शासन ने सख्ती दिखाते हुए दिलीप से वीआरएस ले लिया, इस बात से खफा दिलीप शुक्रवार को अपनी पत्नी और बच्चे के साथ मंत्रालय आया। वह मंत्रालय में लेबर डिपार्टमेंट के प्रधान सचिव राजेश कुमार के ऑफिस के बाहर पहुंचा तो उसने जहर पी लिया। इसके बाद उसे तत्काल अस्पताल ले जाया गया जहां उसका इलाज किया जा रहा है।