मुंबई पुलिस के लिए सिर दर्द बना विवादित मैसेज, सोशल मीडिया से हटाया 12 हजार आपत्तिजनक मैसेज

एक अधिकारी ने बताया कि, साल 2019 में जो मैसेज हटाए गए वे कश्मीर में 370 हटाने, अयोध्या वर्डिक्ट, लोकसभा चुनाव, बीजेपी-शिव सेना में हुआ विवाद, JNU विवाद सहित अन्य घटनाओं के संदर्भ में थी।

मुंबई पुलिस के लिए सिर दर्द बना विवादित मैसेज, सोशल मीडिया से हटाया 12 हजार आपत्तिजनक मैसेज
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सोशल मीडिया के दौर में हर बात लोगों तक आसानी से पहुंच जाती है। इस बात का अपना एक फायदा भी है, लेकिन नुकसान भी है। इससे अफवाहों को फैलते देर नहीं लगती। इस तरह के अफवाहों को रोकने के लिए हर राज्य की पुलिस सोशल मीडिया पर बारीकी से निगाह रखती है। मुंबई पुलिस की 'सोशल मीडिया लैब' ने 2019 में अफवाह फ़ैलाने की आशंका से 12537 मैसजों को हटाया। यही नहीं पिछले 2 साल में आंतकवाद विचारधारा से जुड़े 2830 मैसजों को डिलीट किया।

देश की आर्थिक राजधानी हमेशा से ही आतंकियों के निशाने पर रहती है। इसीलिए आतंकी यहां हमेशा किसी न किसी आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए कोशिश करते रहते हैं। इसके लिए आतंकी सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए कई प्रकार के भ्रामक और झूठी खबरों या फिर वीडियो को वायरल करते रहते हैं ताकि सामाजिक सौहाद्र बिगाड़ कर वे अपने नापाक मंसूबों में कामियाब हो सके।

इन्हे रोकने के लिए मुंबई पुलिस ने 'सोशल मीडिया लैब' शुरू किया। यह लैब हर तरह के मैसेज और वीडियो पर नजर रखती है। अभी हाल ही में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया। इन तीनों पर सोशल मीडिया के जरिए गलत अफवाह फैला कर आतंक फैलाने का आरोप था।

साल 2018 में 'लैब' ने 6207 विवादित पोस्ट हटाया था जबकि साल 2019 में 12537 विवादित मैसजों को डिलीट किया। 'लैब' की सक्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हर दिन 'लैब' को 37 विवादित पोस्ट डिलीट करने पड़ते हैं।

एक अधिकारी ने बताया कि, साल 2019 में जो मैसेज हटाए गए वे कश्मीर में 370 हटाने, अयोध्या वर्डिक्ट, लोकसभा चुनाव, बीजेपी-शिव सेना में हुआ विवाद, JNU विवाद सहित अन्य घटनाओं के संदर्भ में थी। इन मैसेज के जरिए अफवाह फैला कर माहौल खराब करना था।

आपको बता दें कि पुलिस द्वारा समय समय पर लोगों से अपील की जाती है कि बिना सोचे समझे कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया में न करें और न ही कोई वीडियो अथवा मैसेज पोस्ट और शेयर करें। अगर ऐसा कोई करता है तो उसके खिलाफ केस दर्ज किया जा सकता है और दोष सिद्ध होने पर 3 साल तक की सजा हो सकती है।

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