18 साल पहले मुंबई विश्वविद्यालय के एक चपरासी पर आरोप लगा था की SYBSc के तीन छात्रों को पास कराने के लिए उसने अंको के साथ छेड़खानी की। छात्रों के अंक को उसने क्रमश: 21 से 41, 18 से 35 और 20 से 40 में बदल दिया।
आरोपी मंगेश पडेलकर (51) को अदालत ने दोषी पाया है और 6 महीने के कठोर कारावास की सजा सुनाई है।फर्जीवाड़े को पहली बार 2001 में अंजाम दिया गया था। कुलपति ने इस बात का संज्ञान लिया और जांच के आदेश दिये। जांच में पाया गया की पेपर के अंको के साथ छेड़छाड़ की गई थी। आरोपी ने पुछताछ में अपना गुनाह कबूल कर लिया और इसेक लिए माफी मांगी।
आरोपी के इस सबूत को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने मामले में सुनवाई करते हुए कहा की आरोपी ने न केवल अपराध किया, बल्कि शिक्षा की पवित्र संस्था को भी बदनाम किया है।