छोटा राजन का गुर्गा हुआ गिरफ्तार, 15 साल से था फरार


छोटा राजन का गुर्गा हुआ गिरफ्तार, 15 साल से था फरार
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पुलिस ने छोटा राजन के एक गुर्गे को गिरफ्तार किया है जो 15 साल से वांछित था। आरोपी का नाम चंद्रकांत अण्णा पाटील उर्फ़ चरण पालकर(60) है। यह पिछले कई सालों से पुलिस छुप कर बेलगांव में नाम बदल कर रह रहा था. इसके ऊपर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

15 साल पहले क्या हुआ था?
साल 1991 में नालासोपारा के वडराइ गांव में गांव वालों ने चांदी से भरा एक जहाज लूट लिया था। दरअसल इस जहाज पर भाई ठाकुर की चांदी लदी हुई थी जो गांव के नजदीक ही समुद्र में डूब गया था। जब यह बात भाई ठाकुर को पता चली तो उन्होने गांव वालों पर चांदी लौटाने का दबाव बनाने के लिए जुल्म ढाना शुरू कर दिया। कई लोगों की हत्या कर दी गई, कइयों को जिंदा जला दिया गया।

पकड़ा गया और हुआ फरार 
बताया जाता है कि इस जघन्य हत्याकांड में चंद्रकांत पाटील भी शामिल था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने चंद्रकांत पाटील को गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया। लेकिन साल 1997 में वह जमानत पर छूट गया और फरार हो गया और दिल्ली के एक गैंग के साथ मिल कर काम करने लगा। लेकिन वहां भी वह पकड़ा गया और उसे टाडा कानून के तहत 10 साल के लिए जेल में डाल दिया गया। और चांदी तस्करी मामले में उसे नालासोपारा पुलिस को सौंप दिया गया।

बिल्डर की हत्या के बाद हुआ अंडर ग्राउंड 
लेकिन इस बार भी पाटील जमानत पर छूट गया और कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ। अब पाटिल छोटा राजन के लिए काम करना शुरू कर दिया। इसी दौरान एक जमीन मामले में राजन का विवाद एक नालासोपारा के बिल्डर से हुआ, जिसके बाद छोटा राजन ने उसकी हत्या करवा दी। इस हत्या में भी पाटिल का हाथ बताया जाता है। इस हत्या के बाद पाटिल अंडर ग्राउंड हो गया। सूत्रों के मुताबिक वह महाराष्ट्र बॉर्डर पर स्थित बेलगांव नाम बदल कर रहने लगा और वहां एस्टेट एजेंट के तौर पर काम करने लगा।

हुआ गिरफ्तार 
डीसीपी निसार ताम्बोली ने बताया कि एस्टेट एजेंट काम सिलसिले में पाटील नालासोपारा और बोरीवली आने जाने लगा। इस बात की खबर क्राइम ब्रांच यूनिट 11 को मिली तो जल बिछा कर उसे गिरफ्तार कर लिया।

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