कमला मिल आग हादसा: पब के मालिक दोषमुक्त, विपक्ष ने साधा निशाना

अब मांग उठ रही है कि राज्य सरकार को इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय अपील करनी चाहिए। हालांकि इस मामले में राज्य सरकार (state government) की क्या भूमिका होगी? यह देखने वाली बात होगी।

कमला मिल आग हादसा: पब के मालिक दोषमुक्त, विपक्ष ने साधा निशाना
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मुंबई सेशंस कोर्ट ने कमला मिल अग्निकांड (kamla mill fire incident) मामले में कमला मिल्स के दोनों मालिकों रमेश गोवानी और रवि भंडारी को बरी कर दिया है। जिसके बाद एक बार फिर से कमला मिल अग्निकांड मुद्दे ने सभी का ध्यान आकर्षित किया है। अब मांग उठ रही है कि राज्य सरकार को इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय अपील करनी चाहिए। हालांकि इस मामले में राज्य सरकार (state government) की क्या भूमिका होगी? यह देखने वाली बात होगी।

आपको बता दें कि, दिसंबर 2017 में कमला मिल (kamla mill) परिसर में स्थित मोजोस बिस्ट्रो (mojo's bistro) और वन अबव (one above) नामके पब में आग लग गई थी। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई थी। साथ ही कई लोग घायल हो गए थे। इस मामले में मुंबई पुलिस ने नगरपालिका के कुछ अधिकारियों, मिल मालिकों और पब मालिकों को गिरफ्तार किया था और उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।

पुलिस ने पब मालिकों रमेश गोवानी और रवि भंडारी दोनों पर एमआरटीपी (mrtp) अधिनियम का उल्लंघन करना, गैरकानूनी निर्माण करना, दूसरों की हत्या का प्रयत्न करना जैसे विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किए गए थे।

साथ ही मुंबई पुलिस (mumbai police) ने मोजो ब्रिस्टो के ओनर युग पाठक व युग तुली और वन अबव के मालिक-संचालन जिगर संघवी, कृपेश सांघवी, अभिजीत मानकर के खिलाफ भी अलग-अलग मामले दर्ज किए थे।

साथ ही वन अबव के मैनेजर केविन बावा और लिस्बन लोपेज सहित वर्ली के दमकल विभाग के राजेंद्र पाटिल, संदीप शिंदे और बीएमसी के 'जी' वार्ड के अधिकारी दिनेश महाले पर भी गैरइरादतन हत्या का आरोप, लापरवाही बरतने, दमकल विभाग नियमों का उल्लंघन करने सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया।

जांच में पता चला कि 'वन अबव' और 'मोजोस ब्रिस्ट्रो' दोनों को 5 साल के लिए लीज पर दिया गया था। इस स्थान पर पब रेस्तरां के सभी लाइसेंस नगरपालिका प्रशासन द्वारा जारी किए गए थे और राज्य सरकार द्वारा शराब लाइसेंस जारी किए गए थे। मुंबई फायर ब्रिगेड (mumbai fire bigade) द्वारा एक फायर सेफ्टी लाइसेंस भी जारी किया गया है।

इसके अलावा कोर्ट में पब मालिकों की तरफ से उनके वकील ने दलील दी कि, जब यह हादसा घटित हुआ तो वहां ये उपस्थित नहीं थे।

मिल मालिकों ने खुद की रिहाई के लिए सत्र न्यायालय में आवेदन किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उनका इस पब में चलने वाले दिन-प्रतिदिन के कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है। सुनवाई के दौरान मुंबई सेशंस कोर्ट ने मामले में दोनों को बरी कर दिया।

हालांकि, अदालत ने मामले के अन्य आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया और उन  पर हत्या के आरोप में केस चलाने का आदेश दिया।

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