रिटायर्ड बैंक अधिकारी के खाते से उड़ गए 3 लाख, KYC अपडेट का आया था मैसेज

भारत जैसे देश में ऑनलाइन सिक्युरिटी कितनी फुलप्रूफ है यह बात किसी से छुपी नहीं है। हर इन लोग ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। हालांकि इसमें ग्राहकों का जागरूक न होना भी एक मुख्य कारण है।

रिटायर्ड बैंक अधिकारी के खाते से उड़ गए 3 लाख, KYC अपडेट का आया था मैसेज
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नोटबन्दी (demonization) के बाद से देश के पीएम नरेंद्र मोदी (pm narendra modi) ने ऑनलाइन चीजों की बड़ी वकालत की थी। जिसमें ऑनलाइन रुपए पैसों का ट्रांजेक्शन (online transaction fraud) भी शामिल था। लेकिन भारत जैसे देश में ऑनलाइन सिक्युरिटी कितनी फुलप्रूफ है यह बात किसी से छुपी नहीं है। हर इन लोग ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। हालांकि इसमें ग्राहकों का जागरूक न होना भी एक मुख्य कारण है।

ताजा कड़ी में बैंक के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी से 3 लाख रुपये की ठगी हो गयी। यह कर्मचारी बैंक में प्रबंधक था जो हाल ही में रिटायर हुआ था।

बताया जाता है कि, जालसाज ने फोन पर खुद को मोबाइल नेटवर्क सेवा कंपनी का अधिकारी बताया, और बैंक के कर्मचारी से बैंकिंग संबंधी कुछ सवाल पूछे जिसे कर्मचारी ने बता दिया। जिसके बाद उसके खाते से 3 लाख रुपये कट गए। बैंक प्रबंधक ने बाद में डोंबिवली (dombivli) पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराई।

24 अक्टूबर के दिन दोपहर में 64 वर्षीय कर्मचारी के मोबाइल में नेटवर्क से संबंधित एक एसएमएस प्राप्त हुआ। संदेश में लिखा था कि, उन्होंने अपना केवाईसी विवरण अपडेट नहीं किया था, ऐसा नहीं करने पर उनका सिम ब्लॉक किया जा सकता है।

यह मैसेज मिलने पर उसने दिए गए नंबर पर कॉल किया, जिसके बाद जालसाज ने उससे अपने आईफोन से सिम कार्ड निकालने को कहा।  फिर उसने शिकायतकर्ता से एक एंड्रॉइड फोन में सिम डालने और एक तत्काल सहायता ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा। यह ऐप मोबाइल स्क्रीन गतिविधियों को देखने के लिए किसी तृतीय-पक्ष यानी थर्ड पार्टी ऐप को रिमोट एक्सेस की अनुमति देता है।

जालसाज ने बैंकिंग विवरण हासिल करने के लिए अपने फोन की स्क्रीन पर स्क्रीन रिकॉर्डिंग का भी इस्तेमाल किया था।  

ऐप को इंस्टॉल करने के बाद, जालसाज ने उसे अपना बैंक विवरण दर्ज करने और नेट बैंकिंग के माध्यम से प्रोसेसिंग शुल्क के रूप में 10 रुपये का भुगतान करने के लिए कहा। उन्होंने सभी निर्देशों का पालन किया और भुगतान किया। इसके बाद उनके मोबाइल में एक OTP आया जिसे उन्होंने उक्त जालसाज को बता दिया।

एसएमएस के माध्यम से प्राप्त ओटीपी का उपयोग करते हुए, जालसाज ने कई लेनदेन में कुल 3 लाख रुपये का ट्रांसफर किया।

जब शिकायतकर्ता को पैसे वापस लेने के बारे में एसएमएस अलर्ट मिलने लगे, तो उसने अपने बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल किया और अपना अकाउंट ब्लॉक कर दिया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।

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