पुलिस ने एक ऐसे शातिर अपराधी को पकड़ा है जो नकली नोट छापने का काम करता था। आरोपी का नाम दीपक घुंगे (27) है। और हैरानी की बात यह है कि, दीपक ने नकली नोट छापने की कला यूट्यूब से सीखी थी। पुलिस के मुताबिक, दीपक कर्ज में डूबा हुआ है, जिसकी वजह से उसने यह शॉर्टकट तरीका अपना कर कर्ज से मुक्ति पाने की तरकीब सोची थी। लेकिन पुलिस ने उसे धर ही लिया।
पुलिस ने उसके पास से 100-100 रुपए के कुल 896 नोट यानी 89,600 नोट जब्त किए। उसने पुलिस के सामने कबूल किया है कि यह नोट सही नहीं हैं मतलब नक़ली है।
मूल रूप से सोलापुर का रहने वाला दीपक घुंगे ने बीफार्म किया है। दीपक ने कई लोगों से कर्ज लिया था। वह नौकरी करके यह कर्ज चुकाने वाला था। लेकिन, कोरोना संक्रमण के कारण देश भर में तालाबंदी लग गयी।
निराश दीपक सोच रहा था कि कर्ज कैसे चुकाया जाए। एक दिन उसने यूट्यूब पर एक वीडियो देखा कि नकली नोट कैसे बनाए जाते हैं। इस वीडियो को देखने के बाद, दीपक ने नकली नोट बनाकर अपना कर्ज चुकाने की तरकीब सोची। और उसने कैसे भी करके नकली नोट बना भी लिए। लेकिन उसकी संदिग्ध गतिविधियों को देखकर लोगों को शक हो गया। साथ ही पुलिस तक भी इसकी खबर पहुंच गई।
गुरुवार को क्राइम ब्रांच 3 की पुलिस को जानकारी मिली कि दीपक नकली नोट की डिलीवरी देने के लिए लोअर परेल के सीताराम मिल कंपाउंड में आ रहा है। तदनुसार, पुलिस ने वहां जाल बिछाया और उसे गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने जब दीपक की तालाशी ली तो उसके पास से 100-100 के कुल 896 नकली नोट मिले, यानी 89,600 रुपये।
दीपक ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि, उसने यह तरकीब युट्यूब से मिली। उसने कहा कि लोग 100 और 200 के नोट को बिना देखें जांच किए बिना रख लेते हैं। जबकि पांच सौ और दो हजार के नोट की जांच करते हैं।
इसलिए उसने सौ के नकली नोट बनाने का फैसला किया। उसने नोट बनाने के लिए पुणे के दौंड में एक फ्लैट किराए पर लिया था। फ्लैट के बारे में जानकारी मिलने पर, पुलिस ने फ्लैट पर छापा मारा, जहां से उन्हें लैपटॉप, लेजर स्कैनर प्रिंटर, लैमिनेटर्स, हाफ-प्रिंटेड नोट पेपर, ग्रीन फाइल बंडल पेपर और अन्य सामग्री जब्त की। क्या इस मामले में कोई और भी शामिल है? पुलिस द्वारा इनकी जांच की जा रही है।