रैगिंग को लेकर राज्य में कानून की समीक्षा

22 मई को नायर अस्पताल के एक 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा की रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या करने के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है।

रैगिंग को लेकर राज्य में कानून की समीक्षा
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जल्द ही महाराष्ट्र में रैगिंग पर नए नियम और कानून बनाए जाएंगे, जिसके लिए राज्य के स्वास्थ्य विभाग रैगिंग पर वर्तमान नियमों की जांच के लिए एक समिति का गठन करेंगे। 22 मई को  नायर अस्पताल के एक 23 वर्षीय मेडिकल छात्रा की रैगिंग से परेशान होकर आत्महत्या करने के बाद सरकार ने ये फैसला लिया है।  इस मामले को गंभीरता से लेते हुए, महाराष्ट्र के चिकित्सा शिक्षा मंत्री गिरीश महाजन ने कहा, "रैगिंग पर नियमों की जांच के लिए एक तीन-सदस्यीय समिति का गठन किया जाएगा।"


महाजन ने कहा कि यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, जो नहीं होनी चाहिए और इसके लिए कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए, जिसके लिए जल्द ही समिति बनाई जाएगी। इस समिति में  महाराष्ट्र यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (MUHS) के वाइस-चांसलर और कमेटी ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (DMER) के सदस्य और सरकारी अस्पतालों के डीन भी शामिल होंगे।  



महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स (MARD) शाखा ने  तीन डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है। एक पत्र में कहा गया है, विभिन्न स्तरों पर चल रही पूछताछ के बाद, हमने पाया है कि तीनों रेजिडेंट डॉक्टर डॉ. हेमा आहूजा, डॉ. भक्ति मेहर और डॉ .अंकिता खंडेलवाल ने आत्महत्या करने वाली  डॉ. पायल को परेशान करने का आरोप लगा है।


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