दि बेस्ट एम्प्लॉइज को-ऑप क्रेडिट सोसायटी के चुनाव में जिस तरह से ठाकरे ब्रांड को प्रमोट किया गया और इस चुनाव के नतीजे आने के बाद ठाकरे भाइयों के गठबंधन का पहला ही एक्सपेरिमेंट फ़ैल हो गया। (Eknath Shinde is the real heir of the Thackeray brand says Sanjay Nirupam)
"मनसे और उबाठा को जनता ने नकारा"
इसी मुद्दे पर शिवसेना उपनेता और प्रवक्ता संजय निरुपम ने अंधेरी में एक प्रेसकॉन्फ्रेंस में अपनी भूमिका रखते हुए कहा की बेस्ट का जो चुनाव था इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्यों की एक तरफ मनसे और उबाठा थे और दूसरी तरफ बीजेपी - शिवसेना थी भले ही यह चुनाव छोटा था लेकिन मुंबई के लिए महत्वपूर्ण था , इस चुनाव में लगभग १५ हजार वोटर्स थे जिसमे करीब साढ़े १२ हजार लोगो ने मतदान किया यानी की ८० प्रतिशत वोटिंग हुई और यह सारे वोटर्स मराठी थे भूमिपुत्र थे लेकिन उन्होंने मनसे - उबाठा के गठबंधन को नकार दिया।
चुनाव से पहले हिंदी - मराठी विवाद खड़ा करने का प्रयास किया गया लेकिन बेस्ट के मराठी कामगारों ने इसे पूरी तरह से नकार दिया। संजय निरुपम ने आगे कहा की यह दोनों भाई साथ आने से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्यों की दोनों सिर्फ बोलबच्चन है और मराठी समाज को लेकर काम करेने को लेकर जीरो है।
मराठी आदमी आज जिस तरह से उम्मीद लगा रहा है और उनका विश्वास है तो सिर्फ हमारे नेता एकनाथ शिंदे जी पर है बाला साहब ठाकरे जी का अगर कोई ब्रांड है तो सिर्फ आज एकनाथ शिंदे जी ही है और यह दोनों भाई बाला साहब के विचारो के खिलाफ काम कर रहे है। उबाठा को अगर इस वक्त कोई संभाल रहा है तो वो मुस्लिम वोटर्स है अगर वह भी हट जाय तो उन्हें एक भी सीट नहीं मिलेगी।
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