कोरोना वायरस यानी Covid 19 के कारण लॉकडाउन में प्रशासनिक कर्मचारियों के अलावा जिन लोगों को बाहर निकलने की छूट दी गयी हैं उनमें पत्रकार और डॉक्टर भी शामिल हैं। लेकिन ठाणे में लॉकडाउन कवर कर रहे एक पत्रकार को पुलिस ने बुरी तरह से पीट दिया। जबकि पालघर के वसई इलाके में ड्यूटी पर जा रही एक नर्स को भी पुलिस ने डंडे से मारा। इन दोनों घटनाओं के बाद पत्रकारों में आक्रोश है।
This is how @Thane_R_Police treats journalist. Today @uttkarsh311090 was covering #lockdown when policemen had beaten him badly with lathis. It has been found that those cops were from Thane Gramin not Mumbai police. @AnilDeshmukhNCP ji. Kindly take strict action @DGPMaharashtra https://t.co/G4FSQrSMbH pic.twitter.com/qT8XGJZCZO
— Siddhant Mishra (@siddhantvm) March 25, 2020
इस खबर की जानकारी मिलने के बाद पत्रकारों ने गृह मंत्री अनिल देशमुख से कार्रवाई करने की मांग की। यही नहीं पुलिस के इस कृत्य के खिलाफ लोग सोशल मीडिया में भी मुंबई पुलिस को ट्रोल कर रहे हैं।
जबकि दूसरी घटना के मुताबिक वसई में प्रियंका राठौड़ एक अस्पताल में नर्स का काम करती है। उसकी ड्यूटी कोरोना रोगियों के इलाज के लिए लगाई गई है। जब वे अस्पताल ड्यूटी करने जा रहीं थीं तभी पुलिस ने उन्हें भी पीटना शुरू कर दिया।
इससे प्रियंका के सिर में गंभीर चोटें आई हैं। जिस अस्पताल में प्रियंका दूसरों का इलाज करती थीं, अब उसी अस्पताल मे वे खुद का इलाज करा रही हैं।
एक के बाद एक घटना से अब पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। आखिर जब सरकार ने ही पत्रकारों और मेडिकल सेवा में कार्यरत लोगों को इस लॉकडाउन से मुक्त रखा हुआ है तो फिर पुलिस द्वारा यह बर्बर कृत्य किसलिए? यही नहीं अभी हाल ही में पीएम मोदी ने कोरोना से जंग में जिन लोगों का नाम लिया था, उसमें पुलिस, सेना के अलावा डॉक्टर और पत्रकार भी थे। इसीलिए प्रसाशनिक विभाग को इस तरफ ध्यान देना चाहिए।