बैंक स्टाफ ने पकड़वाया शातिर गिरोह के सदस्य को, तमिलनाडु पुलिस कर रही थी तलाश

यह गिरोह तमिलनाडु से फर्जी लॉटरी का काल सेंटर चलाते है। और लोगों को फ़ोन कर पहले उन्हें करोड़ो रूपये की लॉटरी लगने का झांसा देते है, फिर उसका 10% या 20% अपने द्वारा दिए बैंक एकाउंट में जमा करते है।

बैंक स्टाफ ने पकड़वाया शातिर गिरोह के सदस्य को, तमिलनाडु पुलिस कर रही थी तलाश
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मुंबई  के गोरेगांव वेस्ट में स्थित यूको बैंक के स्टाफ ने जालसाजी कर बैंको से पैसा निकालने वाले गिरोह के एक सदस्य को पकड़ा है। यह गिरोह काफी कुख्यात है जिसे तमिलनाडु की पुलिस कई दिनों से  तलाश कर रही थी। आरोपी को पकड़ कर बैंक वालों ने पुलिस के हवाले कर दिया, इसके बाद पुलिस ने उसे तमिलनाडु पुलिस को सौंप दिया।

क्या है मामला?

बताय जाता है कि इस शख्स ने मुंबई के एक इसी यूको बैंक के एटीएम से कुछ दिन पहले पैसा निकाला था, जब इसकी जानकारी तमिलनाडु पुलिस को हुई तो उन्होने इस बैंक को आरोपी की सारी डिटेल्स भेज दी।

इसके बाद जब आरोपी फिर से बैंक में आया तो बैंक वालों ने उसे धर दबोचा। इस दौरान आरोपी ने भागने के लिए काफी हाथापाई भी की, लेकिन वह अपने मंसूबे में कामियाब नहीं हो सका। बैंक में लगे सीसीटीवी में यह सारी घटना कैद हो गयी है।

घटना के बारे में बताते हुए बैंक के स्टाफ ने कहा कि 29 अक्टूबर की दोपहर में जब आरोपी बैंक में आया तो उसने पहले 15 हजार एटीएम से निकाला, फिर 50 हजार का चेक लेकर बैंक के अंदर कैशियर के पास आया, लेकिन तब तक उसके एकाउंट नंबर के जरिये कैशियर को पता चल गया कि यही आरोपी है।

कैशियर ने आरोपी को कहा 2 मिनट रुकिए कंप्यूटर बंद है, और फिर उसके आने की जानकारी बैंक के बाकी के स्टाफ को दे दिया।

जिसके बाद बैंक वालों ने प्यून को बाहर से सटर बंद करने के लिए कहा, और जैसे ही प्यून सटर बंद करने गया, आरोपी को इसकी भनक लग गयी और वह भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन बैंक के सभी स्टॉफ और कुछ कस्टमर की मदत से आरोपी को पकड़ लिया गया।

फिर बैंक वालों ने गोरेगाँव पुलिस को फ़ोन कर पूरी जानकारी दी। 30 अक्टूबर को तमिलनाडु पुलिस मुंबई आयी और 31 अक्टूबर को आरोपी को लेकर तमिलनाडु चली गयी।

पकड़ा गए आरोपी नाम राकेश साव है और वह समस्तीपुर बिहार का रहने वाला है। तमिलनाडु पुलिस को बहुत दिनों से इसकी तलाश थी, लेकिन गोरेगाँव वेस्ट के यूको बैंक की टीम ने बड़ी ही सतर्कता से उसे पकड़ लिया।  

बताया जाता है कि यह गिरोह तमिलनाडु से फर्जी लॉटरी का काल सेंटर चलाते है। और लोगों को फ़ोन कर पहले उन्हें करोड़ो रूपये की लॉटरी लगने का झांसा देते है, फिर उसका 10% या 20% अपने द्वारा दिए बैंक एकाउंट में जमा करते है।

कुछ इसी तरह के ठगी का गुनाह तमिलनाडु क्राइम ब्रांच की टीम ने दर्ज किया था, और उनको जांच के दौरान पता चला कि ठगी का पैसा मुंबई के गोरेगाँव में स्थित यूको बैंक से निकाला जा रहा है। इसके बाद तमिलनाडु पुलिस ने यूको बैंक से सम्पर्क किया।

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