मुंबई में पिछले 6 सालों में 536 करोड़ 65 लाख 77 हजार 159 रुपए के वाहन चोरी

पुलिस केवल 74 करोड़ 60 लाख 9 हजार 321 के कीमत के वाहन ही बरामद कर पाई

मुंबई में पिछले 6 सालों में 536 करोड़ 65 लाख 77 हजार 159 रुपए के वाहन चोरी
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देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 70 लाख गाड़िया है और ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, लेकिन इसके साथ ही मुंबई में गाड़ियां चोरी करनेवालो की भी चांदी होती जा रही है। एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक मुंबई में पिछले 6 सालों में 536 करोड़ 65 लाख 77 हजार 159 रुपए के वाहन चोरी हो गए है। इतना ही नही इन वाहनों के चोरी होने की जांच की रफ्तार की बात करे तो पुलिस केवल 74 करोड़ 60 लाख हजार 321 के कीमत के  वाहन ही बरामद कर पाई है।आरटीआई कार्यकर्ता अहमद शेख को  मुंबई पुलिस विभाग द्वारा ये जानकारी दी गई है।


आरटीआई कार्यकर्ता अहमद शेख ने साल 2013 से लेकर साल 2018 तक मुंबई से चोरी हुए वाहनो की जानकारी मांगी थी और इसके साथ ही उन्होंने इस बात की भी जानकारी मांगी थी कि पुलिस ने अभी तक कितने रकम के वाहनों को  बरामद कर लिया है। मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के सूचना अधिकारी  और सहायक आयुक्त ने आरटीआई कार्यकर्ता शकील अहमद शेख को इस आरटीआई के जवाब दिया है।

मिली जानकारी के मुताबिक जनवरी 2013 से लेकर दिसंबर 2018 तक मुंबई में कुल 19907 वाहनों की चोरी हुई है।इन चोरी हुए कुल वाहनो की कीमत 536 करोड़ 65 लाख 77 हजार 159 रुपए है। इन 6 सालो में पुलिस ने सिर्फ 5462 मामलों में ही वाहनो को बरामद किया है जिनकी कुल कीमत 74 करोड़ 60 लाख हजार 321 रुपये हैजो कि चोरी हुए पूरे वाहनो का सिर्फ 21 प्रतिशत है।

किस साल कितनी चोरी की घटनाएं

2013 में 3789 वाहन चोरी की घटना सामने आई जिनकी कुल कीमत  62,13,43,556 रुपये थी। पुलिस ने सिर्फ 859 मामलों में ही वाहन की बरामदगी कर पाई जिनकी कुल कीमत 14,47,14,612 रुपये थी।

2014 में 3474 वाहन चोरी की घटना सामने आई जिनकी कुल कीमत  52,26,07,084 रुपये थी। पुलिस ने सिर्फ 906 मामलों में ही वाहन की बरामदगी कर पाई जिनकी कुल कीमत  14,44,98,452 रुपये थी।

2015 में 3311 वाहन चोरी की घटना सामने आई जिनकी कुल कीमत  40,45,71,864 रुपये थी। पुलिस ने सिर्फ 840 मामलों में ही वाहन की बरामदगी कर पाई जिनकी कुल कीमत  11,07,67,314 रुपये थी।

2016 में 3118 वाहन चोरी की घटना सामने आई जिनकी कुल कीमत  38,40,75,485 रुपये थी। पुलिस ने सिर्फ 861 मामलों में ही वाहन की बरामदगी कर पाई जिनकी कुल कीमत  11,91,23,316 रुपये थी।


2017 में 3012 वाहन चोरी की घटना सामने आई जिनकी कुल कीमत  29,86,13,601 रुपये थी। पुलिस ने सिर्फ 935 मामलों में ही वाहन की बरामदगी कर पाई जिनकी कुल कीमत  10,49,49,427 रुपये थी।

2018 में 3203 वाहन चोरी की घटना सामने आई जिनकी कुल कीमत 31,53,65,569 रुपये थी। पुलिस ने सिर्फ 1331 मामलों में ही वाहन की बरामदगी कर पाई जिनकी कुल कीमत  13,09,56,200 रुपये थी।

आरटीआई कार्यकर्ताओं शकील अहमद शेख का कहना है कि इन चोरी की वारदातों में अंतरराज्यीय गिरोह के कई लोग शामिल है और चोरी की गई इन वाहनों को नेपाल में बेचा जा रहा है और इसके साथ ही भंगरो में भी इन्हें बेचा जा रहा है। पुलिस को इस मामले में सख्त करवाई करने की जरूरत है और इसके साथ ही   सीसीटीवी से भी नजर रखने की जरूरत है।

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