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'9 बजे 9 मिनट', समझें आंकड़ों का खेल!

कई लोगों का यह भी मानना था कि यह एक ऐसी पहल थी जो सकारात्मकता फैलाती है और हमें ऐसे महत्वपूर्ण क्षणों में एकजुट करती है।

'9 बजे 9 मिनट', समझें आंकड़ों का खेल!
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कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट होने के लिए कल यानी 5 अप्रैल को देश भर में पीएम मोदी की अपील पर करोड़ों लोगो ने अपने घरों की लाइटें बंद करके दिये, टॉर्च और मोमबत्ती जलाई। लेकिन कुछ लोगों ने इसका मजाक भी उड़ाया है। तो कई लोग ऐसे भी हैं जो इस 9 बजे 9 मिनट वाले आंकड़ें का अपने ढंग से तर्क निकाल रहे हैं। हालांकि अंधविश्वास में विश्वास नहीं करना चाहिए, लेकिन कई ज्योतिषशास्त्री और अंक शास्त्री अपने अपने तरह से इसका अर्थ निकाल रहे हैं।


 जनता कर्फ्यू के दिन पहले की पहल के दौरान इसी तरह की भविष्यवाणी की गई थी, जहां पूरे देश ने उन टीमों की सराहना की जो देश में कोरोनोवायरस से लड़ने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।  फिर भी, समय को रणनीतिक रूप से 5 मिनट के लिए शाम 5 बजे चुना गया।

कई लोगों का यह भी मानना था कि यह एक ऐसी पहल थी जो सकारात्मकता फैलाती है और हमें ऐसे महत्वपूर्ण क्षणों में एकजुट करती है। इससे जहां लोग अपनी चिंताओं को एक तरफ छोड़ देते हैं और मुस्कान फैलाने और खुशी साझा करने के लिए एक साथ आते हैं।

कुछ का कहना था कि मोदी ने रणनीतिक रूप से 9 को चुना था, इसलिए उन्होंने सुबह 9:00 बजे संदेश दिया, और लगभग 9 मिनट तक बात की।  उन्होंने हमें 5 अप्रैल (5/4) को इकट्ठा होने के लिए कहा, जो 9 बजे और 9 बजकर 9 मिनट पर गाया जाता है।  जिस दिन उन्होंने यह संदेश दिया था वह लॉकडाउन का 9 वां दिन था, और 5 अप्रैल, 2020 से लॉकडाउन समाप्त होने के लिए 9 दिन शेष रह जाएंगे (वर्तमान कार्यक्रम के अनुसार)।

 ज्योतिषियों का कहना है कि '9' नंबर मंगल को दर्शाता है जो प्रकाश और अग्नि का प्रतिनिधित्व करता है, और इसलिए मोदी ने ग्रह की ऊर्जा को सक्रिय करने के लिए इस पहल को चुना।  इसके अलावा, यह भी कहा जाता है कि यह उन 9 ग्रह देवताओं (नवग्रह) को भी खुश कर देगा जो जीवन बचाने में मदद कर सकते हैं।

इसके पहले जनता कर्फ्यू के दिन भी लोगों ने मोदी की अपील पर थाली और ताली बजा कर डॉक्टरों, पुलिस, पत्रकारों और तमाम उन लोगों का अभिवादन व्यक्त किया जी इस लड़ाई में हिस्सा ले रहे हैं। उस दिन बजी शाम 5 बजे 5 मिनट तक का ही समय रखा गया था।

वैसे आपको बता दें कि जरूरी नही है कि आप इस सब बातों पर विश्वास करें।  मुंबई लाइव किसी भी तरह से इस तरह की मान्यताओं या प्रथाओं को बढ़ावा नहीं देता है।

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