राज्य शिक्षा बोर्ड द्वारा आयोजित की जा रही एसएससी यानी की 10वीं की परिक्षा के तुरंत बाद ही छात्र FYJC में प्रेवश पाने के लिए भागादौड़ी शुरु कर देते है। लेकिन इस साल कॉलेजो में आरक्षण 103 प्रतिशत तक पहुंच गया है। आरक्षण 103 प्रतिश तक पहुंचने के कारण जलनर कैटेगरी के छात्रों के सामने ग्यारवही में प्रवेश लेने के लिए सवाल खड़ा हो गया है। ग्यारहवीं प्रवेश प्रक्रिया कैसे लागू होगी और किन मानदंडों पर लागू की जाएगी, इस पर सवालिया निशान तैयार हो गया है।
कैसे हुए आरक्षण 103 प्रतिशत
दरअसल राज्य में पहले ही ओबीसी, एससी, एसटी और एनटी समुदायों के लिए 52% आरक्षण लागू है , इसके साथ ही राज्य सरकार ने मराठा समुदाय के लोगों के छात्रों के लिए भी 16 प्रतिशत आरक्षण की घोषणा की है। केंद्र सरकार ने भी हाल ही सवर्ण समाज के छात्रों के लिए 10 प्रतिशत के आरक्षण की घोषणा की है। इसके साथ ही कॉलेजों में भी 20 फिसदी इन हाउस कोटा के साथ साथ 5 फिसदी मैनेजमेंट कोटा भी होता है। इन सबकों मिलाकर कॉलेजों में अब आरक्षण का कोटा 103 फिसदी हो गया है , ऐसे में अब 10वीं पास करनेवाले कई छात्रों के सामने अपने प्रवेश को लेकर काफी सुगबुगाहट है।
इनहाउस कोटा में कमी
इस स्पष्टीकरण के दौरान, शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने ग्यारहवीं कक्षा के लिए स्कूलों और कॉलेजों में 20% इनहाउस कोटा का कम कर 10 फिसदी करने की घोषणा की है, इन 10 फिसदी कोटा में भी 7 फिसदी जनरल कैटेगरी के बच्चों के लिए सीटें आरक्षित रहेगी।
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