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कोरोना काल मे छात्रों को शिक्षा की नई रोशनी दिखाता 'आस विद्यालय' !


कोरोना काल मे छात्रों को शिक्षा की नई रोशनी दिखाता 'आस विद्यालय' !
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जहां एक ओर कोरोनावायरस(Coronavirus)  के कारण आम जनता को लॉक डाउन का सामना करना पड़ता है तो वहीं छात्रों को शिक्षा का भी काफी नुकसान हो रहा है। भले ही राज्य सरकार द्वारा स्कूलों को ऑनलाइन शिक्षा (Online education)  का आदेश दिया गया हो बावजूद इसके कई राज्यों में कई छात्रों के पास कंप्यूटर टेबलेट या मोबाइल ना होने के कारण कई छात्र शिक्षा से वंचित रह रहे हैं। जिसे देखते हुए आस विद्यालय (AAS Vidyalaya) ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य बोर्ड के कक्षा 6-10 के छात्रों के लिए हिंदी माध्यम में पाठ्यक्रम की शुरुआत की है। 

इसमे अंग्रेज़ी, हिंदी, गणित, विज्ञान, सामाजिक विज्ञान, संस्कृत और कंप्यूटर जैसे सभी विषयों के लिए एक पूर्ण स्कूल पाठ्यक्रम शामिल है।भारतीय आबादी का बड़ा हिस्सा अभी भी यूपी, एमपी, राजस्थान और बिहार के ग्रामीण इलाकों में रहता है। बुनियादी सुविधाओं और अन्य शैक्षिक सुविधाओं की कमी के कारण इन राज्यों के छात्र शिक्षा प्राप्त नही कर पाते है। इन चुनौतियों ने आस विद्यालय को इन राज्य बोर्ड के लिए हिंदी में अपनी सामग्री लॉन्च करने के लिए प्रेरित कियायह हर छात्र को सुविधाजनक गति से कभी भी, कहीं भी ऑनलाइन अध्ययन करने में मदद करेगा।

आस विद्यालय के संस्थापक विकास काकवानी का कहना है कि" हमारा स्कूल हर छात्र को शिक्षित करने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था, उसी विचार को ध्यान में रखते हुए और वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए, स्कूली शिक्षा को उनके दरवाजे पर लाना महत्वपूर्ण था, खासकर उन छात्रों के लिए जो स्थानीय भाषा में पढ़ते हैं"

अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि" संगठन का मुख्य लक्ष्य 8.5 करोड़ छात्रों को स्कूली शिक्षा देना है जो विभिन्न कारणों से स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, हर भारतीय को 10वीं पास कराना हमारा मुख्य उद्देश्य है,  इसके आने वाले वर्ष में 1 लाख से अधिक और अगले 2 वर्षों में 10 लाख से अधिक उपयोगकर्ता होने की भी योजना है"।

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