बुधवार को विधानभनव में मंत्री विनोद तावड़े ने जानकारी दी की इंजीनियरिंग और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए समाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े समुदाय (एसईबीसी) के लिए जाति प्रमाणपत्र अनिवार्य नहीं होगा। तावड़े ने यह घोषणा विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद की।
मराठा समुदाय के छात्रों को लाभ
सरकार के इस कदम के बाद मराठा समुदाय के छात्रों को लाभ होगा, जिसे सरकार ने समाजिक और आर्थिक पिछड़े समुदाय में शामिल किया है। राज्य के उच्च और तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में प्रवेश नियंत्रण अधिकरण की बुधवार सुबह को बैठक हुई और इसमें नवगठित एसईबीसी के लिए जाति वैधता प्रमाणपत्र के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया गया।
इसके साथ ही उन्होने कहा की शैक्षणिक साल 2019-20
के लिए इंजीनियरिंग और अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ हो चुकी है। एसईबीसी श्रेणी के छात्रों के लिए जाति वैधता प्रमाणपत्र पर अगले आदेशों तक जोर नहीं दिया जायेगा।